उत्तराखंड कांग्रेस से आज की बड़ी खबर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड में नेताओं की लड़ाई खत्म कराने के लिए भेजे गए पीएल पुनिया उत्तराखंड आ गए हैं उत्तराखंड में 17 अप्रैल तक उनका प्रवास रहेगा आज पीएल पुनिया जब जौलीग्रांट आए फोन के साथ प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव भी साथ आएं वहीं पी एल पुनिया का स्वागत करने के लिए प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष करण माहरा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह ,लालचंद शर्मा समेत कई कांग्रेसी मौजूद रहे,आपको बता दें आज हरिद्वार जाने का कार्यक्रम है पीएल पुनिया का और वह गंगा आरती में शामिल होंगे वही कल कांग्रेस पर्यवेक्षक कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा वार्ता करेंगे।
उत्तराखंड कांग्रेस में मचे कलह को शांत करने की कोशिश करेंगे पीएल पुनिया.. बता दें उत्तराखंड कांग्रेस में विधायक प्रीतम सिंह और प्रभारी देवेंद्र यादव के बीच हो रही है बयानबाजी..जिसे लेकर कल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे पीएल पुनिया।
प्रदेश प्रभारी भी रहेंगे साथ, बड़े नेताओं को आमने-सामने बैठाकर की जाएगी बात प्रदेश में अगले छह माह बाद होने वाले निकाय चुनाव और अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी के भीतर मचे घमासान को शांत करना चाहती है। पार्टी के भीतर की गुटबाजी अब खुलकर सामने आने लगी है।इसको दुरूस्त करने के लिए पार्टी हाईकमान की ओर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता व सीडब्ल्यूसी के सदस्य पीएल पुनिया को पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड भेजा गया है। पुनिया शनिवार को (आज) तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे। इस दौरान प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव भी उनके साथ मौजूद रहे।
बताया जा रहा है कि इस दौरान वह वरिष्ठ नेताओं से अलग-अलग बातचीत भी करेंगे। जबकि अगले दिन सोमवार को अनुषांगिक संगठनों और प्रकोष्ठों के अध्यक्षों के साथ बैठक करेंगे। इसके लिए पार्टी के सभी विधायकों, पूर्व एमएलए, पूर्व एमपी, प्रत्याशी रहे नेताओं को देहरादून बुलाया गया है। इसके अलावा जिलाध्यक्षों को भी बैठक में उपस्थित रहने को कहा गया है।
प्रीतम, बेहड़ और मदन बिष्ट से अलग से हो सकती है बात
पार्टी में वैसे तो विस चुनाव हार के बाद से ही वरिष्ठ नेताओं के बीच हार के कारणों को लेकर एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था, लेकिन बीते कुछ दिनों में वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह, तिलक राज बेहड़ और मदन बिष्ट के जिस तरह से पार्टी प्रभारी और संगठन को लेकर बयान सामने आए हैं, उनसे पार्टी के साथ संगठन भी असहज है। पार्टी सूत्रों की मानें तो इन तीनों नेताओं की नाराजगी के कारणों को भी जाना जाएगा। इसके लिए पर्यवेक्षक पीएल पुनिया तीनों नेताओं से अलग से बातचीत कर सकते हैंं।
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने अपना एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस बीच उन्हें वरिष्ठ नेताओं से समन्वय बनाने और विधायकों को साधने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसे में बीते दिनों जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा के साथ ही कई मोर्चों पर विरोध के सुर मुखर हो गए।
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