उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार में जहरीली शराब से मौत मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए हरिद्वार के डी.ई.ओ.अशोक मिश्रा को हटाने को कहा है, साथ में न्यायालय ने हरिद्वार जिले में किसी सक्षम अधिकारी को रखने को कह दिया है। न्यायालय ने हरिद्वार से 2022 में तबादला संबंधी याचिका में सरकारी ट्रांसफर पर मोहर लगा दी है और सरकार से जवाब मांग लिया है।
हरिद्वार जिले में पिछले दिनों जहरीली शराब पीने से आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत मामले का उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया है। न्यायालय ने जनवरी 2022 में आई आबकारी अधिकारी की ट्रांसफर संबंधी याचिका को सुनने के बाद हरिद्वार से देहरादून अटैच हुए पवन सिंह और यू.एस.नगर से हरिद्वार जिले में डी.ई.ओ.अशोक मिश्रा के ट्रांसफर को सही ठहराया।
आबकारी विभाग ने दिसंबर 2021 के अपने एक ट्रांसफर आदेश के बाद यू.एस.नगर जिले के डी.ई.ओ.अशोक मिश्रा को हरिद्वार का डी.ई.ओ.बना दिया था। इसी आदेश में हरिद्वार के डी.ई.ओ.पवन सिंह को देहरादून में अटैच कर दिया था। इस ट्रांसफर के खिलाफ पवन सिंह जनवरी 2022 में उच्च न्यायालय पहुंचा। आज उच्च न्यायालय ने हरिद्वार शराब मौत का स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकार के ट्रांसफर को सही ठहराया और पवन सिंह की याचिका में उन्हें हरिद्वार से गलत ट्रांसफर करने की मांग को नकार दिया। न्यायालय ने दिसंबर 2021 में हरिद्वार के जिला आबकारी अधिकारी(डी.ई.ओ./जॉइंट कमिश्नर एक्ससाइज)अशोक मिश्रा को कहीं और ट्रांसफर करने को कहा है, तांकि जहरीली शराब मौत मामले की जांच प्रभावित न हो। न्यायालय ने सरकार से हरिद्वार में किसी सक्षम अधिकारी को रखने के लिए कहा है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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