उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने प्रदेश के जिला सहकारी बैंकों में ग्रुप डी की भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमिताओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से दो दिन के भीतर जाँच रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 29 सितम्बर को तय की है।
मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी प्रियांशु त्यागी ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि वर्ष 2020 में प्रदेश के सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के लिए 423 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी हुई थी। भर्ती प्रक्रिया के दौरान इसमें कई अनियमितताएं सामने आई। याची ने बताया कि इस भर्ती प्रक्रिया में अधिकारियों और नेताओ के रिस्तेदारों का चयन किया गया है और कई अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उन्हें भर्ती किया जा रहा है। इसकी शिकायत हरिद्वार में ज्वालापुर के विधायक सुरेश राठौर ने मुख्यमंत्री से की। लेकिन इसपर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
समाचार पत्रों में अनियमितताओं की खबर छपने के बाद मुख्य सचिव के निर्देश पर सहकारिता विभाग के सचिव ने हरिद्वार में इस भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया। लेकिन नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून और पिथौरागढ़ में इसके बाद भी भर्तियां की गई। याचिकाकर्ता ने जनहीत याचिका में कहा है कि इस पूरे मामले की जाँच सी.बी.आई.से कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाय।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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