ऊत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने नकल करते पकड़े गए लोगों को परीक्षा की अनुमति देने समेत इन्हें डीवार करने के आदेश को स्थगित कर दिया है। एकलपीठ ने सभी पक्षों से जवाब मांग लिया है।
वर्ष 2023 में ऊत्तराखण्ड अधिनस्त चयन सेवा आयोग(यू.के.एस.सी.)ने 1998 के नकल अधिनियम के तहत 14 लोगों को पकड़कर उनपर पांच वर्ष के लिए परीक्षा में भाग लेने पर रोक लगा दी थी। इनमें से अजय और दयाल नाम के दो लोग इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंचे।
अधिवक्ता संजय भट्ट ने बताया कि आज न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने इस आदेश को स्थगित कर दिया है। उन्होंने न्यायालय को बताया कि अधिनियम की धारा 9 और 10 में केवल सजा का प्रावधान है लेकिन डीवार(वंचित/बाहर)करने का कोई प्रावधान नहीं है। एकलपीठ ने पक्षकारों को सुनने के बाद सभी से जवाब मांगा और आयोग के 16 मई के उस आदेश को स्थगित कर दिया है। इन परीक्षार्थियों को इस एदेश के बाद अब परीक्षा देने की छूट मिल गई है। मामले में अगली सुनवाई आयोग का जवाब आने के बाद होगी।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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