हाइकोर्ट CJ – राज्य में पहाड़ों की तरह हरेला मनाकर पेड़ पौधे लगाने चाहिए, तांकि आकर्षण बना रहे

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उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश समेत अन्य न्यायधीषों ने हाइकोर्ट बार ऐसोसिएशन के कॉल पर आज चार खेत गांव मे वृक्षारोपण किया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पहाड़ों की तरह ही राज्य के अन्य हिस्सों में भी हरेला मनाकर पर्यावरण और सुंदरता को संरक्षित रखना चाहिए।


नैनीताल के चार खेत क्षेत्र में आज वन विभाग और पुलिस का जमावड़ा दिखा। क्षेत्र में पौधरोपण का कार्यक्रम था। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने पौधरोपण का कार्यक्रम रखकर न्यायधीषों को आमंत्रण दिया था। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी, न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी, न्यायमूर्ति आलोक वर्मा, न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित ने पैधारोपण किया।


पौधरोपड़ के इस कार्यक्रम में जामुन, पीपल, ओंगा, बमवार, पदम उर्फ ‘पय्यां’, गरुड़, गुईया, जिको, पुतली, हिमालय कोल्ट्री, कागीस, तिमूर, बेडू, हिसालू, किलमोडा, बड़, देवदार, कवरौल, अंगु, बांज और तेजपत्ता समेत कुल 150 पौधे लगाए गए।

इस मौके पर हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जर्नल अनुज कुमार संघल, सी.एस.सी.चंद्र शेखर रावत, हाइकोर्ट बार अध्यक्ष डी.सी.एस.रावत, महासचिव गौरव अधिकारी, अधिवक्ता कुर्बान अली, भुवन सिंह रावत, अजय बिष्ट, श्रुति समेत दर्जनों अधिवक्ता मौजूद थे। वन विभाग की तरफ से एस.डी.ओ.राजकुमार, आर.ओ.विनोद तिवारी और नितिन पंत के साथ फारेस्ट स्टाफ ने कार्यक्रम को सफल बनाने में जिम्मेदारी निभाई।


मुख्य न्यायाधीश ने डी.एफ.ओ.चंद्रशेखर जोशी से हरेला और पौधारोपण की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में पर्यावरण को स्वस्थ रखने का त्योहार हरेला बहुत लाभदायक है। इसे राज्य के अन्य हिस्सों में भी मनाना चाहिए तांकि प्रदेश का पर्यावरण और सुंदरता निखार कर आए।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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