उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने देहरादून में नव निर्माणधीन सैन्यधाम के लिये स्थानीय लोगों की भूमि का उपयोग करने के लिये सेक्शन 48 के नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई। अधिवक्ता पीयूष गर्ग ने याचिकाकर्ता के लिए मामले में बहस की।
मामले के अनुसार देहरादून निवासी सीमा कन्नौजिया ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि देहरादून से मसूरी मार्ग स्थित गुनियाल गांव में बन रहे सैन्यधाम में सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग द्वारा डायना यूरो कैम प्राइवेट लि.सहित अन्य स्थानीय लोगों की जमीन पर कब्जा कर उसमें सैन्य धाम और उसके मार्ग का निर्माण किया जा रहा है ।
ये भूमि राजस्व विभाग के खसरे में उनके नाम दर्ज है। सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग ने निजी भूमि पर बिना अधिग्रहण संबंधी कानूनी कार्यवाही किये निजी भूमि पर सैन्य धाम का निर्माण कर दिया और भू स्वामियों को मुवावजा भी नहीं दिया। उन्हें जमीन भी आवंटित नहीं कि गई।
21 अगस्त को राजस्व विभाग ने राजस्व भूमि अधिनियम की धारा 48 के तहत नौटिफिकेशन जारी कर उक्त भूमि का बंदोबस्त करने का निर्णय लिया, साथ ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को निर्देश दिए कि सैन्यधाम के आसपास 500 मीटर के दायरे में किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर रोक रहेगी। उच्च न्यायालय ने सेक्शन 48 के नोटिफिकेशन पर ही रोक लगा दी है।
मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होनी तय हुई है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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