इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे जारी रखने की अनुमति दी है
इलाहबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे को मंजूरी दे दी है. 3 अगस्त की सुबह करीब 10 बजे कोर्ट ने ये फैसला सुनाया. वकील विष्णु जैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा,कोर्ट ने कहा है कि ASI के सर्वे शुरू होना चाहिए, इससे किसी को नुकसान नहीं है. जिला अदालत का फैसला तत्काल प्रभाव से लागू होना चाहिए. हमारे पूरी दलीलों को कोर्ट ने मान लिया है. मुझे लगता है सर्वे शुरू होना चाहिए. जो भी बात है सच या झूठ कोर्ट के सामने आना चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि सर्वे न्याय के हित में होगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंजुमन इन्तज़ामिया मस्ज़िद कमिटी की अपील को खारिज कर दिया है. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने इस फैसले पर अपना बयान दिया है. उन्होंने न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा,
“मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं. मुझे भरोसा है कि ASI सर्वे के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी. फिर ज्ञानवापी का मामला सुलझ जाएगा.”
कोर्ट ने कहा कि मस्जिद परिसर का सर्वे एएसआई जारी रख सकता है. वाराणसी की अदालत ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे किए जाने का आदेश दिया था. इस आदेश के ख़िलाफ़ मस्जिद कमेटी ने पहले सुप्रीम कोर्ट और फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की प्रतिक्रिया आई है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद ने कहा, ”इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई से सर्वे करने का आदेश दिया है. हमें उम्मीद है कि इंसाफ़ होगा क्योंकि मस्जिद 600 साल पुरानी है और इतने सालों से मुसलमान नमाज़ पढ़ रहे हैं. हम चाहते हैं कि उपासना स्थल क़ानून पूरे देश में लागू किया जाए ताकि कोई और विवाद ना हो.”रशीद बोले- मुझे लगता है कि मुस्लिम पक्ष इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट जाएगा.
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से कहा, सर्वे तत्काल प्रभाव से शुरू हो सकता है. कोर्ट में एएसआई ने कहा था कि ढांचे को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा. कोर्ट ने भी यही बात कही है. विष्णु शंकर ने कहा कि अगर मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाएगा तो हम भी वहां मौजूद रहेंगे।
जिला अदालत ने दी थी सर्वे को मंजूरी
वाराणसी जिला अदालत ने 21 जुलाई को दिए अपने फैसले में सर्वे को मंजूरी दी थी. लेकिन सर्वे से पहले ही इन्तज़ामिया मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने इस अपील पर सुनवाई करते हुए, उन्हें हाईकोर्ट जाने के लिए कहा. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में अपील के लिए 2 दिन का समय दिया था।
इसके बाद हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई. 3 अगस्त को आए फैसले में हाईकोर्ट ने जिला अदालत के फैसले को बरकरार रखा है. हाईकोर्ट ने सर्वे की इजाज़त दे दी है. कोर्ट ने कहा कि ASI ज्ञानवापी परिसर में इमारत के किसी हिस्से को बिना नुकसान पहुंचाए सर्वे का काम कर सकता है।
इन्तज़ामिया मस्जिद कमेटी के पास अब भी सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प बचा है. संभावना जताई जा रही है कि ये पक्ष सुप्रीम कोर्ट में इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दे सकता है।
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