उत्तराखण्ड के नैनीताल की ठंडी सड़क में शनि मंदिर के समीप पहाड़ी से बड़े बड़े बोल्डर गिरने के बाद पैदल मार्ग बाधित हो गया है। बोल्डरों ने विद्युत पोल, पेड़ और सड़क किनारे लगी रेलिंग को ध्वस्त कर दिया है।
नैनीताल झील के पश्चिमी हिस्से में पड़ने वाली ठंडी सड़क अब भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील बनते जा रही है। सदियों से भूस्खलन की मार झेलते आ रही इस सड़क में नब्बे के दसक से भूस्खलन रिकॉर्ड किया गया, जब डी.एस.बी.कैंपस से लगे एक बड़े भूभाग में भूस्खलन हुआ और पहाड़ी का एक हिस्सा नैनीझील में समा गया। इस हिस्से को दीवारों और प्लांटेशन की मदद से दोबारा स्थापित किया गया था।
इसके बाद इसी अयारपाटा हिल में पाषाण देवी मंदिर और डिग्री कॉलेज गर्ल्स हॉस्टल के बीचों बीच 21 सितंबर 2021 की रात भारी भूस्खलन हो गया था। इसके बाद 2022 में 18 और 19 अगस्त कि विनाशकारी बरसात के बाद एक बार फिर से भूस्खलन ने भीषण रूप अख्तियार कर लिया। इससे सड़क बन्द हो गई और क्षेत्रवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कुछ अस्थाई उपायों के बाद यहां वर्षभर से स्थायी उपाय चल रहे हैं।
पहाड़ी से गिरे बोल्डरों ने विद्युत पोल, पेड़ और सड़क किनारे लगी रेलिंग को ध्वस्त कर दिया है। इससे लोगों को आने जाने में दिखकत हो रही है।
अब नयना देवी मंदिर और शनि मंदिर के बीच तीसरे स्थान पर भूस्खलन होने से मार्ग तो बाधित हुआ ही साथ ही विभागों के लिए इसे खोलने के साथ इसका रोकथाम एक चुनौती बन गया है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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