हल्द्वानी : गौलापार के लिए ये पुराना रास्ता बनेगा सहारा

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HALDWANI : चोरगलिया-सितारगंज को हल्द्वानी से जोड़ने वाला पुराना रास्ता एक बार फिर इस्तेमाल में आएगा। उपजिलाधिकारी ने बताया जब तक गोला पुल से आवागमन शुरू नहीं होता तबतक पुराने रास्ते को शुरू करने का प्रयास शुरू कर दिया है। ताकि किसानों को परेशानी न हो। आपको बता दें कि 19 अक्टूबर मंगलवार को हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्र में हुई भारी बारिश के चलते टनकपुर, चंपावत, सितारगंज, खटीमा, नानकमत्ता को जोड़ने वाला गौला पुल को जोड़ने सड़क क्षतिग्रस्त हो गई थी। सड़क गौला नदी में समा गई थी, जिसके चलते आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया था, स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत विभागीय अधिकारियों और विपक्ष के लोग द्वारा गौलापुल का स्थलीय निरीक्षण किया गया था।


सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गौला पुल के निरीक्षण के बाद अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि 10 दिन में आवागमन के लिए गौला पुल को खोला जाए। लेकिन गौलापार का आगमन शुरू होना इतना आसान नहीं था। ऐसे में वैकल्पिक रास्ता बनाए जाने पर प्रशासन ने अपनी प्राथमिकता को दर्शाया है, डीएम नैनीताल के निर्देश के बाद आज एसडीएम हल्द्वानी मनीष कुमार सिंह ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ वैकल्पिक रास्ते का निरीक्षण किया, जो कि गौला नदी के रास्ते जंगल से होता हुआ गौलापार की तरफ निकलेगा, एसडीएम मनीष कुमार सिंह ने इस दौरान बताया कि गौलापार क्षेत्र के लोगों को फल, सब्जी, अनाज समय हल्द्वानी मंडी तक पहुच सके, साथ ही स्थानीय लोगों को अन्य कामों के लिए रोजाना हल्द्वानी शहर आना पड़ता है, ऐसे में पुल टूटने के चलते लोगों को काठगोदाम होकर हल्द्वानी आना पड़ रहा था।
जिससे उनको काफी दिक्कतें हो रही थी, तो वहीं उनका समय भी काफी बर्बाद हो रहा था, ऐसे में जनहित को ध्यान में रखते हुए डीएम नैनीताल के निर्देश पर वैकल्पिक रास्ता बनाया गया है। जिसे लेकर वन विभाग के आला अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया गया है और जिसकी रिपोर्ट डीएम नैनीताल को भेजी जाएगी। उसके बाद वैकल्पिक रास्ते को शुरू कर दिया जाएगा, जिससे आमजन को जरूर लाभ मिलेगा। पुराना रास्ता एक बार फिर अस्तित्व में आ गया है।

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