हल्द्वानी :( SHOCKING) निजी अस्पताल में किया बच्चेदानी का गलत ऑपरेशन..पेशाब के रास्ते आने लगा मल..क्यों खामोश है स्वास्थ्य विभाग.. जाने पूरी घटना..

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हल्द्वानी नैनीताल 07.MARCH 2021.. कुमाऊं मंडल के लोगों के लिए हल्द्वानी में सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने का दावा किया जाता है. लेकिन शनिवार को यहां एक ऐसा मामला आया है जो शहर की स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोेलने वाला है. शहर कोतवाल को दी गई तहरीर के अनुसार यहां पश्चिमी राजीव नगर बिंदूखत्ता निवासी प्रेमपाल नाम के व्यक्ति की पत्नी हरप्यारी डेढ़-दो माह के गर्भ से थी.

इसी दौरान खून बहने के कारण उसे परेशानी होने लगी. इस पर उसने गर्भस्थ भ्रूण की स्थिति जानने के लिए अपनी पत्नी को 11 जनवरी 2021 को शहर के मां जगदम्बा अस्पताल में भर्ती कराया. 13 जनवरी को अस्पताल की चिकित्सक ने हरप्यारी का अस्पताल की दूसरी लैब से अल्ट्रासाउंड कराने को भेजा। वहां की रिपोर्ट देखकर 14 जनवरी को मरीज की बच्चेदारी का ऑपरेशन किया गया और 15 जनवरी को मरीज की स्थिति ठीक बताकर अस्पताल से छुट्टी कर दी गई. लेकिन अस्पताल से छुट्टी के बाद हरप्यारी को गैस की शिकायत हो रही थी। इस पर उसे अस्पताल के काउंटर से गैस की दवा देकर ठीक हो जाने का दावा किया गया. लेकिन घर जाकर इसी दिन मरीज की गैस की दिक्कत से सांस टूटने लगी.

हालत खराब होने पर उसका हल्द्वानी की परख लैब से फिर अल्ट्रासाउंड कराया गया। परख लैब से भी उसकी रिपोर्ट को ठीक-ठाक बताया गया. लेकिन हालत और खराब होने पर प्रेमपाल ने पत्नी को बरेली के फैय्याज अस्पताल में भर्ती कराया गया.

लेकिन वहां चिकित्सकों ने हरप्यारी की सीटी रिपोर्ट देखने के बाद खुलासा किया कि मां जगदम्बा अस्पताल में उसकी बच्चेदानी  को फाड़ दिया गया है और उसकी आंत के दो हिस्से करके कुछ ऐसा कर दिया कि हरप्यारी को पेशाब के रास्ते से लैट्रिन होनी शुरू हो गई. इसके बाद फैय्याज अस्पताल ने दो ऑपरेशन करने बताए. इसमें से एक ऑपरेशन कर दिया है, और दूसरे आंत के ऑपरेशन में काफी खर्चा बताया है.

प्रेमपाल का कहना है कि वह मजदूर है. उसके पास पत्नी के ऑपरेशन के लिए इतने रुपए नहीं हैं.उसने पत्नी के साथ कोई अनहोनी होने पर इसके लिए मां जगदम्बा अस्पताल की जिम्मदारी बताई है. इस मुद्दे को लेकर शनिवार को लोगों ने मां जगदम्बा अस्पताल प्रबंधन का पुतला भी फूंका है.

अब सवाल यह उठता है कि क्या फिर रसूखदारो का दबदबा कायम रहेगा या फिर स्वास्थ विभाग ऐसे अस्पतालों के खिलाफ सख्त एक्शन लेता है? क्यों कन्नी कट रहे जनप्रतिनिधि

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