हल्द्वानी रेलवे मामला : इस तारीख़ को होगी फोर्स की आमद,इलाकों में खुफिया तंत्र की पैनी नज़र

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उत्तराखंड के उच्च न्यायालय से हल्द्वानी में रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने के मामले में रेलवे प्रशासन जुट गया है।


नैनीताल जिले में हल्द्वानी के वनभूलपुरा, ढोलक बस्ती, गफूर बस्ती और इंदिरा नगर में रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए उच्च न्यायलय से बीती 12 दिसंबर को एक आदेश पारित हुआ था। लंबी वैधानिक प्रक्रिया के बाद न्यायालय ने 4359 अतिक्रमणकारियों को कब्जे छोड़ जाने के आदेश दिए थे। आदेश मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस प्रबंधन ने आदेशों के पालन के लिए कवायद शुरू कर दी थी।


प्रशासन, रेलवे और पुलिस की कार्यवाही से दशकों से बसे हज़ारों लोगों को बेघर होने का डर सताने लगा। उनका सिस्टम से सवाल है “आख़िर हम कहां जाएं “यह उन लोगों के सवाल हैं जो बेहद ही निचले तबके की श्रेणी में आते हैं रेलवे भूमि की जद में आ रहे बनभूलपुरा के लोग अपने आशियाने बचाने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग इलाके में 70 साल से रह रहे हैं. यहां एक मस्जिद, मंदिर, पानी की टंकी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 1970 में डाली गई एक सीवर लाइन, दो इंटर कॉलेज और एक प्राथमिक विद्यालय हैं.

अतिक्रमण मामले में प्रभावित परिवारों की ओर से सुप्रीमकोर्ट में सोमवार 2 जनवरी को याचिका दायर की गई। कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की याचिका स्वीकार कर ली है। इस मामले में अब सुनवाई पांच जनवरी को होनी तय है।


वहीं रेलवे भूमि से लगी 78 एकड़ भूमि पर बसे लोगों से भूमि खाली कराने की तैयारियां जोरों शोरों से शुरू हो गई है। रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाने के लिए सभी तैयारियां शुरू कर रहा है। इसी के तहत रेलवे और जिला प्रशासन ने अतिक्रमण प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए कार्य योजना तैयार की, जिससे कि अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी भी तरह की कोई कानून व्यवस्था अवरुद्ध न हो।

ए.डी.आर.एम.रेलवे विवेक गुप्ता हल्द्वानी एस.डी.एम.मनीष कुमार सहित रेलवे और सिविल पुलिस ने अतिक्रमण क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए कहा कि अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी तरह की कोई कानून व्यवस्था खराब न हो और रेलवे संपत्ति को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हो इसको देखते हुए व्यवस्थाओं को ठीक किया जा रहा है।

एस.डी.एम.मनीष कुमार ने बताया कि हाई कोर्ट के निर्देश के बाद अतिक्रमण कार्यों को हटाए जाने की कवायद शुरू हो चुकी है। अखबारों के माध्यम से अतिक्रमण कार्यों को खाली करने के लिए सर्वजनिक सूचना जारी की जा चुका है, इसके अलावा अनाउंसमेन्ट के माध्यम से अतिक्रमणकारियों को जल्द से जल्द अतिक्रमण खाली करने की सूचना भी प्रसारित की जा रही है।

अतिक्रमणकारियों से अपील की गई है कि एक सप्ताह के भीतर में अपने अतिक्रमण को स्वतः हटा लें नहीं तो उनके अतिक्रमण हटाने का खर्चा भी उन्हीं से वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी तरह की कानून व्यवस्था खराब ना हो और रेलवे संपत्ति को नुकसान ना हो इसके लिए भी पॉइंट चिन्हित गए किए गए हैं अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

8 जनवरी को शुरू होगी फोर्स की आमद

हाईकोर्ट के एक आदेश ने हल्द्वानी गफूर बस्ती बनभूलपुरा के लोगों की नींद उड़ा दी है अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाद से ही हल्द्वानी शहर का एक हिस्सा घर में रहने नहीं बल्कि सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गया है। कहीं दुआएं पढ़ी जा रही है तो कहीं विरोध प्रदर्शन हो रहे है। सुप्रीम कोर्ट ने पांच जनवरी को मामले पर फैसला करने की बात कहकर राहत दी है मगर पुलिस और प्रशासन की दिन दूनी रात चौगुनी होती तैयारियों से माहौल दहशत से भरा है हल्द्वानी में रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस व जिला प्रशासन के साथ। साथ रेलवे के अधिकारियों ने भी तैयारी पूरी कर ली है। अब तो कुमाऊँ आईजी नीलेश आनंद भरणे ने भी अपनी बातों से स्पष्ट कर दिया है कि हल्द्वानी शहर अभी कुछ और दिन शोर शराबे के बीच ही जिंदगी गुजारने वाला है।

दरअसल आईजी भरणे ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि पुलिस हर परिस्थिति के लिए पूरी तरह तैयार है आईजी भरणे ने मीडिया को बताया कि बनभूलपुरा के लिए पैरामिलिट्री फोर्स सहित कुल 5000 सिपाही युक्त फार्स की मांग की गई है। गढ़वाल से 1000 और कुमाऊं से 800 जवानों की फोर्स यहां तैनात करने का प्लान बनाया गया है। उन्होंने बताया कि फोर्स में महिलाएं व पुरुष सिपाही रहेंगे। आठ जनवरी तक फोर्स आने की संभावना है उन्होंने ये भी कहा कि पुलिस भड़काऊ भाषण, क्षेत्र में होने वाली गतिविधि से लेकर सोशल मीडिया तक पैनी नजर बनाए हुए हैं आपको बता दे कि मामले की जद में आ रहे क्षेत्र में लाउडस्पीकर भी लगा दिए गए हैं। घटनाक्रम कैसा होगा, ये तो नहीं कहा जा सकता। मगर पुलिस अंदाजा लगाते हुए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। यही बातें आईजी भरणे ने भी साफ कर दी है।

रेलवे द्वारा जारी किया जा चुका है नोटिस

दीगर है कि मामले में अतिक्रमणकारियों को रेलवे नोटिस जारी कर चुका हैं. पूर्वोत्तर रेलवे ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि 7 दिन के अंदर जगह खाली कर दें, नहीं तो जबरदस्ती अतिक्रमण हटाएगा. उस पर आने वाला खर्च कब्जेदारों से वसूला जाएगा.

नोटिस जारी होने से एक दिन पहले रेलवे की टीम ने पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में बनभूलपुरा अतिक्रमण क्षेत्र की ड्रोन मैपिंग की. सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने बताया कि दो घंटे तक ड्रोन से काम किया गया, जिसके बाद रेलवे ने अपनी भूमि से जुड़े सभी हिस्सों की मैपिंग पूरी कर ली. ड्रोन के माध्यम से भवनों की पूरी फोटो और वीडियोग्राफी हो चुकी है. बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद बनभूलपुरा से अवैध निर्माण हटाने को तैयारी शुरू हो गई है.

हाईकोर्ट के आदेश पर बनभूलपुरा क्षेत्र से रेलवे की करीब 78 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाया जाना है.इस दौरान अतिक्रमण की जद में करीब 4365 घर आ रहे हैं.

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