हल्द्वानी : रेलवे मामले में सरकार को ज्ञापन, कार्यवाही रोकने की मार्मिक अपील के साथ की गई ये मांग…

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उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे अतिक्रमण मामले में प्रभावित लोगों ने मुख्यमंत्री को एक मार्मिक पत्र लिखकर ठंड के मौसम में अतिक्रमण ध्वस्तीकरण के कार्यक्रम को स्थगित करने को कहा है। उन्होंने इन बस्तियों को मलिन बस्ती की श्रेणी में रखकर उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में मदद करने की भी प्रार्थना की है।


उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए पुलिस और प्रशासन ने हल्द्वानी की रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए आज से कवायद शुरू कर दी है। आज सवेरे से ही वनभूलपुरा, ढोलक बस्ती, गफूर बस्ती, इंदिरा नगर आदि में अफरा तफरी का माहौल बना रहा। अतिक्रमणकारियों के नेताओं ने प्रभावित लोगों की तरफ से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस रेलवे प्रकरण में मदद करने की प्रार्थना की है।

अतिक्रमणकारियों ने ए.डी.एम.अशोक जोशी के माध्यम से सी.एम.के नाम दिये ज्ञापन में कहा है कि सरकार उन्हें मदद करे। उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में स्पेशल लीव पेटिशन(एस.एल.पी.)दाखिल की गई है। शीतकालीन अवकाश के कारण न्यायालय में 2 जनवरी तक सुनवाई नहीं हो सकती है। सर्दियों की भयंकर ठण्ड के मौसम को देखते हुए प्रभावितों के विरुद्ध होने वाली कार्यवाही को रोकने का कष्ट करें। उन्होंने ये भी कहा कि सभी लोग सरकार से आशा करते हैं कि सरकार इस प्रकरण में उच्च न्यायालय में वर्ष 2016 के अपने शपथपत्र में पुनः याचिका दाखिल करें या सर्वोच्च न्यायालय में पैरवी करें और मलिन बस्ती योजना के अंतर्गत उन्हें पुनः सूची में शामिल करें।


ज्ञापन देने वालों में हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदेश, सपा नेता अब्दुल मतीन सिद्दीकी, ठाकुर चंद्रमोहन, ओवैस रजा, मोहम्मद रिजवान, दीपक बलुटिया, नदीम अहमद, मोहम्मद नईम कुरैशी, गोविंद सिंह बिष्ट, जावेद सिद्धकी समेत दर्जनों लोगों के ओर से ज्ञापन दिया गया है।

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