बिन्दुखत्ता को राजस्व ग्राम अधिसूचना जारी न करना सरकार की नाकामी,बड़े आंदोलन की तैयारी_पीयूष
लालकुआं/बिंदुखत्ता – बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर वन अधिकार समिति के नेतृत्व में आयोजित बैठक में विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। निजी प्रतिष्ठान में आयोजित इस जागरूकता बैठक में लोगों ने वनाधिकार कानून की बारीकियों को समझा।
वन अधिकार समिति के सचिव भुवन भट्ट ने अब तक हुए बिंदुखत्ता राजस्व गांव के संघर्ष की कार्यवाही पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बिंदुखत्ता में वन अधिकार अधिनियम 2006 पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भारत के अन्य राज्यों की वन अधिकार समितियों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा।
बैठक के उपरांत सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी ने एलान किया कि जब केवल अधिसूचना जारी होना बाकी है तो ट्रिपल इंजन की सरकार के बाद भी देरी किसलिए। उन्होंने कहा कि अब लड़ाई अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही बिंदुखत्ता वासियों के साथ जाकर क्षेत्रीय विधायक से विधानसभा सत्र में और सांसद से लोकसभा सत्र के दौरान बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम बनाने की अधिसूचना जारी करने के लिए प्रश्न उठाने का निवेदन किया।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय पर अधिसूचना जारी नहीं होती है, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस संबंध में सभी सांसदों और विधायकों से संपर्क साधा जाएगा, और आंदोलन की वृहद रणनीति भी तैयार की जाएगी। जरूरत पड़ने पर देहरादून जाकर मुख्यमंत्री का घेराव भी किया जाएगा।
बैठक में युवा नेता राजा धामी ने बिंदुखत्ता को राजस्व गांव न बनाए जाने और अधिसूचना जारी करने में सरकार की देरी पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जब सब कुछ पूरा हो चुका है, तो अधिसूचना जारी न करना राज्य सरकार की नाकामी दर्शाता है।
उन्होंने अपने परिचित विधायकों से संपर्क साधने और आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन करने की बात कही।
उल्लेखनीय है कि जब बिंदुखत्ता राजस्व गांव को लेकर लगातार नेता जनता को चल रहे थे व कोई निर्णायक कार्य नही कर रहे थे तो सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी के नेतृत्व में ‘गोल्ज्यू न्याय यात्रा’ निकाली गई थी।
इस यात्रा में युवा नेता राजा धामी ,पीयूष जोशी व सैकड़ो बिंदुखत्ता वासियो ने बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम बनाने के लिए घोड़ाखाल स्थित गोल्ज्यू मंदिर में समस्त क्षेत्रवासियों की ओर से अर्जी लगाई गई थी। गोल्ज्यू को न्याय का देवता माना जाता है, और कुमाऊं में उनके दरबार में लगाई गई अर्जी का विशेष महत्व है।
वन अधिकार समिति बिंदुखत्ता द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों के माध्यम से लोगों को उनके अधिकारों के प्रति सचेत किया जा रहा है। हालांकि, समिति ने प्रत्यक्ष रूप से किसी आंदोलन में शामिल होने से इनकार किया है और हस्ताक्षर अभियान को भी जागरूकता अभियान का रूप बताया है। इसके विपरीत, क्षेत्र के युवा अब उग्र आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं, और विभिन्न संगठन इसमें समर्थन दे रहे हैं। पूर्व में पूर्व सैनिक संगठन,सामाजिक राजनीतितिक संगठनों ने भी बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम बनाने की प्रक्रिया को अपना समर्थन प्रदान किया है।
यदि अधिसूचना जल्द जारी नहीं होती है, तो बिंदुखत्ता सहित पूरी लालकुआं विधानसभा के लोग बड़े आंदोलन में शामिल हो सकते हैं। लगातार हो रही बैठकों से जागरूकता के साथ-साथ आंदोलन की लहर तेज हो रही है, जिसमें युवा बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी, राजा धामी, वरिष्ठ नेता भगवान सिंह धामी, विनोद भट्ट, शेखर पांडेय, वन अधिकार समिति के अध्यक्ष अर्जुन नाथ गोस्वामी, सचिव भुवन भट्ट समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
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