गुलाम नबी आज़ाद ने कांग्रेस से तोड़ा शताब्दी पुराना नाता..राहुल पर कसा तंज..

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी है. गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्नों का इस्तीफा भेजा है. गुलाम नबी आजाद कांग्रेस का बड़ा चेहरा माने जाते रहे हैं. पूर्व में वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं. 

सोनिया गांधी को लिखे इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखा, ”इसलिए बड़े खेद और बेहद भावुक हृदय के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा शताब्दी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है.”

गुलाम नबी आजाद ने पांच पन्नों में लिखे इस्तीफे में अंग्रेजी में सोनिया गांधी को कारण गिनाएं हैं.

गुलाम नबी आजाद ने इस संबंध में सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी है, जिसमें राहुल गांधी पर हमला बोला गया है. उन्होंने इस खत में राहुल पर बचकाने व्यवहार का आरोप लगाया है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया.बता दें कि गुलाम नबी आजाद काफी लंबे समय से नाराज चल रहे थे. आजाद ने इस संबंध में सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी है, जिसमें राहुल गांधी पर हमला बोला गया है. उन्होंने इस खत में राहुल पर बचकाने व्यवहार का आरोप लगाया है. इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की प्रचार समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्हें उसी दिन इस पद पर नियुक्त किया गया था. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था.

वह कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी 23 गुट में शामिल थे. जी -23 गुट कांग्रेस में लगातार बदलाव की मांग करता रहा है. इससे पहले कांग्रेस के नेता कपिल सिबब्ल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्हें सपा ने राज्यसभा भी भेजा है. 

बता दें कि कुछ दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी की राज्य इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया था. इस पर उन्होंने कहा था कि जी -23 समूह पार्टी को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है और पार्टी हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर उतरेगी. उन्होंने ‘‘निरंतर बाहर रखे जाने एवं अपमान” का हवाला देते हुए पार्टी की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. जी-23 उन असंतुष्ट वरिष्ठ नेताओं का एक समूह है जिसने संगठन में आमूल-चूल फेरबदल की मांग की है. शर्मा भी इस समूह का हिस्सा हैं.

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