पूर्व सीएम शिबू सोरेन नहीं रहे, ‘दिशोम गुरु’ का निधन..

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन का लंबी बीमारी के बाद 81 वर्ष की उम्र में सोमवार को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से इसकी पुष्टि की. उन्होंने अपने पिता के निधन पर भावुक होकर लिखा, ‘आज मैं शून्य हो गया हूं, गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए।

वह किडनी संबंधी समस्या के कारण एक महीने से अधिक समय से राष्ट्रीय राजधानी के गंगा राम अस्पताल में भर्ती थे. सर गंगा राम अस्पताल ने एक मेडिकल बुलेटिन में कहा, ‘शिबू सोरेन को आज सुबह 8.56 बजे मृत घोषित कर दिया गया. लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया. वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और डेढ़ महीने पहले उन्हें स्ट्रोक भी आया था. उन्हें पिछले एक महीने से वेंटिलेटर पर रखा गया था।

अपने समर्थकों द्वारा ‘दिशोम गुरु’ (महान नेता) के रूप में जाने जाने वाले शिबू सोरेन भारतीय राजनीति में एक प्रमुख व्यक्तित्व रहे हैं. वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक संरक्षक थे. अपने चार दशक के राजनीतिक करियर में, शिबू सोरेन ने 1980 से 2014 के बीच 8 बार दुमका संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया. तीन बार राज्यसभा सांसद रहे, जिनमें से उनका तीसरा कार्यकाल अब भी जारी था. उन्होंने तीन बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोयला मंत्री के रूप में भी कार्य किया।

तीन अलग-अलग मौकों पर झारखंड के CM बने

वह तीन अलग-अलग अवसरों पर झारखंड के मुख्यमंत्री बने (मार्च 2005, अगस्त 2008 से जनवरी 2009 तक, और दिसंबर 2009 से मई 2010 तक), हालांकि उन्होंने कभी पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं किया. कद्दावर आदिवासी नेता शिबू सोरेन ने लगभग चार दशकों तक पार्टी का नेतृत्व किया. उन्होंने 1987 में झारखंड मुक्ति मोर्चा की बागडोर संभाली और अप्रैल 2025 तक इसके अध्यक्ष रहे।

शिबू सोरेन ने 1972 में किया था JMM का गठन

आदिवासी संथाल समुदाय से ताल्लुक रखने वाले शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी, 1944 को रामगढ़ जिले में हुआ था, जो उस समय बिहार का हिस्सा था. उन्होंने वामपंथी ट्रेड यूनियन नेता एके रॉय और कुर्मी-महतो नेता बिनोद बिहारी महतो के साथ मिलकर 1972 में झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया. सोरेन अलग झारखंड राज्य के लिए चले आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा बन गए. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में साल 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड भारत का एक नया राज्य बना।

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