पहाड़ चढ़ने से डर रहे सालों से मैदान में जमे पूर्ति निरीक्षक,जोड़-तोड़ में जुटे चहेते..

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नैनीताल : लालकुआ – बीते दिनों शासन ने कई सालों से जिले में जमे पूर्ति निरीक्षकों के स्थानांतरण के आदेश जारी किये है आदेश के बाद से राजनिति शुरू हो गई काग्रेंस अपने चहेते अधिकारी के स्थानांतरण को लेकर राजनिति कर रही है तथा शासन के आदेश को गलत बता रही है ।

वही पिछले कई बर्षो से लालकुआ में तैनात पूर्ति निरीक्षक की भी तैनाती चंपावत में की गई है जिसके बाद अधिकारी में हड़कंप मचा हुआ है अधिकारी ने अपने स्थानांतरण को रूकवाने के लिए काग्रेस नेताओं आगे कर दिया है जिसे पुरे क्षेत्र में चर्चा बनी हुई है।


इधर स्वराज सेवादल के जिलाध्यक्ष राजेंद्र अधिकारी ने शासन द्वारा दिए गए तबादले के आदेश का समर्थन करते हुए सरकार के फैसले को सही बताया है।उन्होंने लोगों से तबादले के आदेश पर राजनीति न करने की अपील की है।


बताते चलें कि बीते दिनों शासन ने निर्देशित किया था कि ऐसे सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची शासन को उपलब्ध कराई जाए जिनका संबंधित जनपद में पांच वर्ष से अधिक का कार्यकाल हो चुका है।इसी संबंध में नैनीताल जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय से भी कई पूर्ति निरीक्षकों की सूची शासन को उपलब्ध्ण कराई गई थी। जिसके बाद लालकुआ में तैनात निरीक्षक का भी तबादला चंपावत कर दिया गया साथ ही अन्य तैनात पूर्ति निरीक्षकों का भी पहाड़ी जिलों में स्थानांतरण किया गया है तथा वर्षों से पर्वतीय जनपदों में सेवाएं दे रहे निरीक्षकों को मैदानी क्षेत्र में लाया जा रहा है ।

लेकिन सरकार के आदेश के बाद से कुछ निरीक्षक अपने उक्त स्थानांतरण से खुश नहीं हैं और स्थानांतरण रुकवाने को लेकर अपने चहेते राशन डीलरों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों जिनसे उनके मधुर संबंध है उन्हें आगे कर स्थानांतरण रुकवाने का आग्रह कर रहे हैं हैरानी की बात ये है कि कुछ सफेद पोश वर्षों से जमे अधिकारियों के रूटीन तबादला नीति को दरकिनार कर अपने चहेतों के स्थांतरण रद्द किए जाने को लेकर सोश्यल मीडिया में सक्रिय भी हो गए हैं ।

जबकि आमजन वर्षों से जमे अधिकारियों के तबादले से खुश नजर आ रहे हैं।
वही लोगों का मानना है कि शासन ने वर्षों से जमे पूर्ति निरीक्षकों का नीतिगत तरीके से तबादला किया है इनमें से कुछ निरीक्षक तो ऐसे हैं दस बारह वर्षों से यहाँ जमे थे जिससे वे खुद को निरीक्षक नहीं बल्कि पूर्ति अधिकारी ही समझने लगे थे। लगातार शिकायतों व वर्षों से जमे होने के चलते ही इनका तबादला किया गया है।


इधर स्वराज सेवादल के जिला अध्यक्ष राजेन्द्र अधिकारी ने सरकार फैसले को सही बताते हुए खुश होकर कहा कि दस से अधिक बर्षो से डेरा जमाए अधिकारियों के स्थानांतरण किए जाने का फैसला सरकार का सराहनी है उनका साफ कहना है कि सालों से दुर्गम पर्वतीय जिलों में सेवाएं दे रहे अधिकारियों को भी मैदानी सुगम क्षेत्रों में सेवा का मौका मिलना चाहिए जिसे अधिकारियों को पहाड़ और मैदान दोनों की जानकारी मिलनी चाहिए।उन्होंने आदेश के फैसले का समर्थन किया है।

रिपोर्ट – मुकेश कुमार(लालकुआं)

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