हल्द्वानी : सरस मेले में लोक कलाकारों ने बांधा समां,महिला समूहों के उत्पादों की धूम..

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हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित दस दिवसीय सरस आजीविका मेले के षष्ठम दिवस पर गुरुवार को एक भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। इस दौरान उत्तराखंड के प्रतिष्ठित लोक कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया।

लोक गायक इन्दर आर्या, राकेश खनवाल, नीरज चूफ़ाल सहित अन्य कलाकारों ने अपने गीतों और नृत्यों से माहौल को संगीतमय बना दिया। दर्शकों ने जमकर थिरकते हुए कार्यक्रम का आनंद उठाया।

मुख्य अतिथि राज्यमंत्री डॉ. अनिल कपूर डब्बू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरस आजीविका मेले का उद्देश्य महिला समूहों के उत्पादों को बाजार तक पहुंचाना और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा, “इस मेले के माध्यम से महिलाओं को न केवल आर्थिक लाभ मिल रहा है, बल्कि वे दूसरे क्षेत्रों की संस्कृति और उत्पादों को भी देखने का अवसर प्राप्त कर रही हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि सरकार महिला समूहों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कई योजनाएं चला रही है।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रशासक विकास खंड कोटाबाग रवि कन्याल सहित अन्य जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। सभी ने कलाकारों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए उनका मनोबल बढ़ाया।

पशुपालन विभाग ने दी योजनाओं की जानकारी
मेले के दौरान पशुपालन विभाग ने मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन योजना और ग्राम्य गौ सेवा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। प्रभारी पशुचिकित्साधिकारी डॉ. पीएस हृयांकी ने बताया कि इन योजनाओं के तहत पशुपालकों को गाय, भैंस, बकरी, मुर्गी और अन्य जानवर खरीदने के लिए सरकार की ओर से ऋण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “इस योजना के तहत 90% ब्याज का भुगतान पशुपालन विभाग करेगा, जबकि 10% ब्याज पशुपालक को देना होगा।”

डॉ. हृयांकी ने बताया कि जनपद में सैकड़ों किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, “पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों के किसानों को इस योजना से जोड़कर उनकी आय बढ़ाने और रोजगार के अवसर प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है।” उन्होंने यह भी बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा किसानों के हित में कई अन्य योजनाएं भी चलाई जा रही हैं।

महिला समूहों के उत्पादों ने मारी बाजी
मेले में महिला समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों ने भी खूब सराहना बटोरी। हस्तनिर्मित वस्त्र, आभूषण, खाद्य उत्पाद और हर्बल उत्पादों ने दर्शकों का ध्यान खींचा। महिलाओं ने बताया कि इस तरह के मेले उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने में मदद कर रहे हैं।

सरस आजीविका मेला न केवल सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि महिलाओं और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

01 मार्च से शुरू हुए सरस् आजीविका मेले में महिला सहायता समूहों के उपादों ने रिकार्ड सेल करते हुए अब तक 92,46973 ₹ की बिक्री दर्ज की है।

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