वित्तमंत्री प्रेमचंद्र ने सीएम धामी को सौंपा इस्तीफा

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उत्तराखंड के संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है। उत्तराखंड विधानसभा के बीते बजट सत्र में उनके एक बयान को लेकर कई दिनों से हंगामा मचा हुआ था।

केैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपना इस्तीफा दे दिया है। उनका एक वीडियो सामने आया है। जिसमें उन्‍होंने कहा कि जिस प्रकार से वातावरण बनाया गया। आज साबित करना पड़ रहा है कि उत्तराखंड के लिए योगदान दिया। राज्य आंदोलन में लाठियां खाईं। ऐसे व्यक्ति को टारगेट बनाया जा रहा है। आहत हूं, ऐसे में मुझे इस्तीफा देना पड़ रहा है।

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार, 16 मार्च को इस्तीफे की पेशकश करते हुए कहा कि जिस तरह से मेरे खिलाफ माहौल बनाया गया मैं उसे आहत हूं और आज मुख्यमंत्री से मिलकर अपना इस्तीफा देने जा रहा हूं. यह बात कहते हुए प्रेमचंद अग्रवाल भावुक होकर रोने लगे.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि उनके खिलाफ जिस तरह का माहौल बनाया गया, उससे वह आहत हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक संघर्ष को याद करते हुए कहा, “आंदोलनकारी रहते हुए मैंने बहुत संघर्ष किया. मुजफ्फरनगर कांड के समय मैं अकेले ट्रक में बैठकर गया. मैंने उत्तराखंड के निर्माण में लाठियां खाईं और अहम भूमिका निभाई, लेकिन आज मुझे टारगेट बनाया जा रहा है.”

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, जिससे उन्हें गहरी पीड़ा हुई है. हालांकि, उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार की सराहना करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री धामी के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है.

प्रेमचंद अग्रवाल पिछले कुछ समय से विवादों में रहे हैं. हाल ही में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह एक व्यक्ति के साथ मारपीट करते नजर आए थे. इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग की थी।

कैबिनेट फेरबदल की संभावनाएं मजबूत!
इसके अलावा, उनके विभागों से जुड़े कई मामलों को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं. इन विवादों के चलते पार्टी पर दबाव बढ़ा और अब उनके इस्तीफे की घोषणा के बाद प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी और तेज हो गई है।

प्रेमचंद अग्रवाल के इस ऐलान के बाद उत्तराखंड में कैबिनेट फेरबदल की संभावनाएं मजबूत हो गई हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सरकार कुछ और मंत्रियों के विभागों में बदलाव कर सकती है. ऐसे में मुख्यमंत्री धामी आने वाले दिनों में बड़ा निर्णय ले सकते हैं।

बताते चलें मंत्री ने अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया था। भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने भी उन्हें तलब किया था और संयम बरतने की हिदायत दी थी। यह घटना राज्य की राजनीति में एक बड़ा विवाद बन गई थी। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की थी। कांग्रेस ने मांग की थी कि प्रेमचंद अग्रवाल को मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर विधानसभा में हंगामा भी किया था। इस घटना ने पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों के बीच के संवेदनशील मुद्दे को फिर से उठा दिया था। भाजपा के लिए यह एक बड़ी शर्मिंदगी की वजह बना।

इस घटना से भाजपा की छवि को नुकसान पहुंचा वहीं पार्टी नेतृत्व को इस मामले में जल्दी कार्रवाई करनी पड़ी। अग्रवाल के इस्तीफे को इसी कड़ी में देखा जा रहा है। यह देखना होगा कि इस घटना का आने वाले चुनावों पर क्या असर पड़ता है। क्या जनता इस घटना को भूल जाएगी या फिर भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि इस घटना ने उत्तराखंड की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है।

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