बेखौफ फ़र्ज़ी अस्पताल, प्रशासन की कार्यवाही के बाद भी, कर रहे लोगो की ज़िन्दगी से खिलवाड़…
बाज़पुर उधम सिंह नगर 07.10.2020 GKM NEWS भले ही स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने हाथ में ले रखा है और उसे सही तरीके से चलाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री के विभाग के अधिकारी उनके ही दामन पर दाग लगाने का काम कर रहे हैं। आलम यह है कि बाजपुर में फर्जी अस्पतालों का बोलबाला है जो लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
इतना ही नहीं प्रशासन द्वारा अस्पताल पर कार्यवाही करने के बाद अस्पताल संचालक सरकारी सील को तोड़कर अधिकारियों के मंसूबों पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सत्ता संभालते ही जीरो टॉलरेंस की सरकार चलाने का निर्णय लिया था। जिसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए थे लेकिन मुख्यमंत्री के विभाग के ही अधिकारियों की कार्यशैली पूरे विभाग को बदनाम करने का काम कर रही है।
बता दें कि बाजपुर में फर्जी अस्पतालों का बोलबाला है जहां झोलाछाप अस्पताल खोलकर लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. जिसकी जानकारी होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इन पर कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं। इतना ही नहीं भूले से यदि कोई अधिकारी इन पर कार्यवाही कर देता है तो फर्जी अस्पताल के संचालक कानून व्यवस्था को जूतों के तले रखते हुए नियमों का उल्लंघन करते हैं. ताज़ा मामला बाजपुर के दोराहा का है जहां एसीएमओ अविनाश खन्ना ने बीते 4 दिन पूर्व फर्जी अस्पतालों पर कार्यवाही की थी और तीन अस्पतालों को सील किया था। लेकिन दोराहे पर स्थित वरदान हॉस्पिटल के संचालक ने अधिकारियों की बिना अनुमति के सरकारी सील को तोड़कर अस्पताल में मरीजों को देखना शुरू कर दिया.
जिससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की पोल खुलती नजर आ रही है। वही दूसरा मामला बाजपुर के लाइफलाइन अस्पताल का है जहां बीते कुछ माह पूर्व एक महिला द्वारा अपना उपचार कराया गया था लेकिन अस्पताल में एनेस्थीसिया देने के लिए जिम्मेदार डॉक्टर मौजूद नहीं थे लेकिन अस्पताल में चिकित्सक द्वारा महिला को 20 से 25 बार एनएसथीसिया का इंजेक्शन दिया गया था। जिसकी शिकायत पीड़िता की पुत्री निकिता सागर ने स्थानीय प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर की थी. जिसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों की एक टीम ने लाइफलाइन अस्पताल में जांच की थी.
जिसमें लाइफलाइन अस्पताल पूरी तरह से फर्जी साबित हुआ था लेकिन इसके बावजूद अभी तक अधिकारियों की मेहरबानी इस अस्पताल पर बनी हुई है यही कारण है कि आज भी फर्जी अस्पताल बिना किसी रोक-टोक के संचालित किया जा रहा है। इतना ही नहीं फर्जी अस्पताल के संचालक कवरेज के लिए जाने वाले मीडिया कर्मियों को कैमरा चलाने से रोकने के लिए कैसा व्यवहार करते है. वही जब इस मामले में बाजपुर एसडीएम एपी बाजपाई से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बाजपुर के दो अस्पतालों का मामला सामने आया है।
जहाँ एक अस्पताल ने सरकारी सील के साथ छेड़छाड़ की है जिसके खिलाफ साक्ष्य एकत्र किए जा रहे है जिसके बाद कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि लाइफलाइन अस्पताल को मात्र एक पद्धति का उपचार करने के लिए है लेकिन अस्पताल में ऑपरेशन किये जा रहे है जिसकी स्वास्थ्य विभाग द्वारा रिपोर्ट तैयार कर सीएमओ को भेजी गई है और जल्द ही कार्यवाही अमल में लाई जाएगी.
बाइट : अविनाश खन्ना ……………… एसीएमओ उधम सिंह नगर
बाइट : एपी बाजपाई ………….. एसडीएम बाजपुर
बाइट : निकिता सागर ……………….. शिकायतकर्ता
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