ECI का बड़ा फैसला: शिंदे गुट को मिली ‘शिवसेना’ और तीर – कमान,उद्धव से छिनी “जागीर”

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चुनाव आयोग की तरफ से उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट को ‘असली’ शिवसेना माना है. इसके साथ-साथ आयोग ने ‘तीर-कमान’ का चुनाव चिह्न भी शिंदे गुट को आवंटित कर दिया. भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने शुक्रवार को घोषणा की कि पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और प्रतीक ‘धनुष और तीर’ एकनाथ शिंदे गुट के पास रहेगा.

महाराष्ट्र में सियासी घमासान अभी थमा नहीं है. महाराष्ट्र में असली शिवसेना को लेकर चुनाव आयोग का बड़ा फैसला सामने आया है. चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद शिवसेना का नाम और पार्टी का निशान उद्धव ठाकरे से छिन गया है. EC ने एकनाथ शिंदे गुट को पार्टी का नाम और शिवसेना का प्रतीक तीर कमान सौंप दिया है.

आयोग (ईसीआई) ने कहा कि शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है। बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक मंडली के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करना विकृत कर दिया गया है। इस तरह की पार्टी संरचनाएं विश्वास पैदा करने में विफल रहती हैं।

चुनाव आयोग ने पाया कि 2018 में संशोधित शिवसेना का संविधान भारत के चुनाव आयोग को नहीं दिया गया। 1999 के पार्टी संविधान में लोकतांत्रिक मानदंडों को पेश करने के अधिनियम को संशोधनों ने रद्द कर दिया था, जिसे आयोग के आग्रह पर दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा लाया गया था। आयोग ने यह भी कहा कि शिवसेना के मूल संविधान के अलोकतांत्रिक मानदंड, जिन्हें 1999 में आयोग द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था, को गुप्त तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी एक जागीर के समान हो गई।

चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को दी ये सलाह


आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को लोकतांत्रिक लोकाचार और पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र के सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करने और नियमित रूप से अपनी संबंधित वेबसाइटों पर अपनी पार्टी के आंतरिक कामकाज के पहलुओं का खुलासा करने की भी सलाह दी, जैसे कि संगठनात्मक विवरण, चुनाव आयोजित करना, संविधान की प्रति और पदाधिकारियों की सूची।

भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहा चुनाव आयोग: उद्धव ठाकरे गुट
उद्धव ठाकरे गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, आदेश वही है जिस पर हमें संदेह था। हम कह रहे थे कि हमें चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है। जब मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है और कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, तो चुनाव आयोग की यह जल्दबाजी दिखाती है कि यह केंद्र सरकार के तहत भाजपा एजेंट के रूप में काम करती है। हम इसकी निंदा करते हैं।

चिंता की आवश्यकता नहीं, जनता हमारे साथ: संजय राउत, राज्यसभा सदस्य
उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने चुनाव आयोग की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है। जनता हमारे साथ है। हम एक नए प्रतीक के साथ जाएंगे और इस शिवसेना को एक बार फिर जनता की अदालत में खड़ा करेंगे।

यह सत्य और लोकशाही की जीत है : एकनाथ शिंदे, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ये सत्य की जीत है। लोकशाही की जीत है। बाला साहेब के विचारों की जीत है और तमाम उन लोगों की जीत है जिन्होंने मेरा साथ दिया। यह शिवसेना कार्यकर्ताओं की जीत है।

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