स्वास्थ्य विभाग का जल्द होगा डिजिटलीकरण,राज्य के हर नागरिक को मिलेगी ये ख़ास सुविधा..
उत्तराखंड के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने गुजरात में केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद के 14वें सम्मेलन में आज उत्तराखंड का पक्ष रखा। उन्होंने सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था को और अधिक सुदृढ करने और भविष्य की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य में स्वास्थ्य विभाग के शीघ्र डिजिटलीकरण करने की बात कही। उन्होंने राज्य के प्रत्येक नागरिक का डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड बनाने, प्रत्येक एम्स में प्रतिनिधि नियुक्त करने के साथ ही चिंतन शिविर में राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को हवाला देते हुए एनएचएम कार्मिकों की वेतनवृद्धि, ब्लाॅक स्तर पर डाॅक्टरों के लिए आवासों का निर्माण एवं सूबे में एयर एम्बुलेंस सेवा के विस्तार की मांग भी रखी। जिस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ0 मनसुख मंडाविया ने आश्वासन देते हुए कहा कि उत्तराखंड एवं पूर्वोत्तर राज्यों की विषम परिस्थितियों को देखते हुए मानकों में शिथिलता प्रदान करेगी।
मीडिया को जारी एक बयान में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डाॅ0 धन सिंह रावत ने बताया कि स्वास्थ्य चिंतन शिविर में सूबे की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के मध्यनज़र प्रदेश में संचालित एयर एम्बुलेंस सेवा को आगामी वर्षों के लिये विस्तारित करने, एनएचएम कार्मिकों की वेतनवृद्धि के लिए मानकों में शिथिलता प्रदान करने की मांग रखी। उन्होंने बताया कि आपदा के दृष्टिकोण से उत्तराखंड अतिसंवेदनशील राज्यों की श्रेणी में आता है। आमतौर पर देखा गया है कि आपदा के दौरान आम लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में सरकार एवं विभाग को भारी कठिनाईयों को सामना करना पड़ता है, ऐसी परिस्थितियों में स्वास्थ्य सुविधाओं को समय पर उपलब्ध कराने के लिए एयर एम्बुलेंस ही एक मात्र विकल्प रह जाता है, जिसका राज्य में विस्तार होना अति आवश्यक है।
मीडिया को जारी एक बयान में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डाॅ0 धन सिंह रावत ने बताया कि स्वास्थ्य चिंतन शिविर में सूबे की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के मध्यनज़र प्रदेश में संचालित एयर एम्बुलेंस सेवा को आगामी वर्षों के लिये विस्तारित करने, एनएचएम कार्मिकों की वेतनवृद्धि के लिए मानकों में शिथिलता प्रदान करने की मांग रखी। उन्होंने बताया कि आपदा के दृष्टिकोण से उत्तराखंड अतिसंवेदनशील राज्यों की श्रेणी में आता है। आमतौर पर देखा गया है कि आपदा के दौरान आम लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में सरकार एवं विभाग को भारी कठिनाईयों को सामना करना पड़ता है, ऐसी परिस्थितियों में स्वास्थ्य सुविधाओं को समय पर उपलब्ध कराने के लिए एयर एम्बुलेंस ही एक मात्र विकल्प रह जाता है, जिसका राज्य में विस्तार होना अति आवश्यक है।
डाॅ0 रावत ने बताया कि सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की मजबूती के लिए शीघ्र ही स्वास्थ्य विभाग को डिजिटलीकरण किया जायेगा। इसके अलावा प्रत्येक नागरिक का डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड बनाया जायेगा ताकि मरीज के स्वास्थ्य से जुडे सभी चीजों का रिकाॅर्ड रखा जा सकेगा, जिससे किसी भी अस्पताल में उचचार के दौरान मरीज की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पता चल जायेगा और उसे समय पर सही ईलाज मिल सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि चिंतन शिविर में एनएचएम कार्मिकों के वेतनवृद्धि हेतु मानकों में शिथिलता प्रदान करने, प्रत्येक ब्लाॅक स्तर पर डाॅक्टरों के लिए आवास के निर्माण एवं देशभर में स्थापित एम्स अस्पतालों में राज्य सरकार के प्रतिनिधि नियुक्त करने की मांग भी रखी। जिस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ0 मनसुख मंडाविया ने आश्वासन देते हुये कहा कि उत्तराखंड सहित पर्वतीय एवं पूर्वोत्तर राज्यों की विषम परिस्थितियों को देखते हुए मानकों में शिथिलता प्रदान की जायेगी। उन्होंने बताया कि राज्य में आयुष्मान भारत योजना एवं अटल आयुष्मान योजना का लाभ प्रत्येक व्यक्ति को पहुंचाने के लिए विभागीय स्तर पर प्रभावी कदम उठाये जायेंगे, इसके अलावा मोतियाबिंद के आॅपरेशन एवं निःशुल्क चश्मों के वितिरण के लिए न्याय पंचायत, ब्लाॅक एवं जिला स्तर पर कैम्प आयोजित किये जायेंगे।
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