दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आ चुके हैं. जानकारी के मुताबिक वह तिहाड़ जेल से अपने घर के लिए रवाना हो चुके हैं. गाड़ी में उनके साथ आम आदमी पार्टी के महासचिव संदीप पाठक भी मौजूद हैं. केजरीवाल गाड़ी की सनरूफ खोलकर बाहर आए और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘आप लोगों के बीच आकर अच्छा लग रहा है. मैंने कहा था कि मैं जल्दी आऊंगा, आ गया.’ अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ चुके हैं. वह अपने घर 6, फ्लैगस्टाफ की ओर बढ़ रहे हैं. कुछ ही देर में वह घर पहुंचेंगे जहां उनके समर्थकों और AAP के कार्यकर्ताओं ने उनके स्वागत के लिए विशेष तैयारियां की हैं और पूरी सड़क पर फूल बिछा दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम ज़मानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से 50 दिन बाद बाहर निकले केजरीवाल ने कहा, “मैंने कहा था मैं जल्दी आऊंगा, आ गया. सबसे पहले मैं हनुमान जी के चरणों में वंदना करना चाहता हूं, हनुमान जी के आशीर्वाद से आज मैं आप सब लोगों के बीच में हूं.”
केजरीवाल ने कहा, “मैं आप सब लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. देश भर के करोड़ों-करोड़ों लोगों ने अपनी दुआएँ, अपना आशीर्वाद मुझे भेजा. मैं सुप्रीम कोर्ट के जजों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिनकी वजह से आज मैं आप लोगों के बीच में हूं.”
केजरीवाल ने कहा, “हम सबको मिलकर देश को तानाशाही से बचाना है. मैं तन, मन, धन से लड़ रहा हूं, तानाशाही के ख़िलाफ़ संघर्ष कर रहा हूं, लेकिन 140 करोड़ लोगों को तानाशाही के ख़िलाफ़ लड़ना होगा.”
इन शर्तों पर मिली राहत, किसी भी फाइल पर दस्तखत नहीं कर सकेंगे
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी। प्रवर्तन निदेशालय के नौ समन के बाद केजरीवाल की 21 मार्च को गिरफ्तारी हुई थी। करीब 50 दिन बाद उन्हें राहत मिली है। उन्हें यह राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें लगाईं हैं, जिनका उन्हें पालन करना होगा।
अरविंद केजरीवाल को समर्पण कर दो जून को जेल में लौटना होगा।
उन्हें 50 हजार रुपये का मुचलका भरना होगा।
केजरीवाल आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी भूमिका पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकेंगे।
उन्हें अपने इस बयान का पालन करना होगा कि वे किसी भी आधिकारिक फाइल पर तब तक दस्तखत नहीं करेंगे, जब तक कि मामला उपराज्यपाल से मंजूरी हासिल करने जितना जरूरी न हो।
केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय में नहीं जाएंगे।
वे किसी भी गवाह से बात नहीं कर सकेंगे और मामले से जुड़े आधिकारिक दस्तावेजों को नहीं देख सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणियां कीं
1. अरविंद केजरीवाल को दी गई अंतरिम जमानत को उनके खिलाफ मामले से जुड़े गुण-दोष पर दी गई राय न माना जाए।
2. केजरीवाल के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, लेकिन वे अब तक दोषी करार नहीं दिए गए हैं।
3. उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, न ही वे समाज के लिए खतरा हैं।
4. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समग्र और उदार दृष्टिकोण उचित है।
5. केजरीवाल डेढ़ साल तक बाहर थे। उन्हें (ईडी द्वारा) पहले या बाद में गिरफ्तार किया जा सकता था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
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