CM धामी ने अमरनाथ में फंसे उत्तराखंड के श्रद्धालुओं से की बात.. अब तक 16 लोगों की मौत,यात्रा स्थगित..
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बीते दिन शुक्रवार को अमरनाथ में बादल फटने के बाद बहुत बुरा मंजर देखने को मिला। भारतीय सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें देर रात रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। इन सबके बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अमरनाथ में फंसे हुए उत्तराखंड के श्रद्धालुओं के साथ फोन पर बात की। मुख्यमंत्री ने सभी को सुरक्षित वहां से निकालने का आश्वासन भी दिया।
CM धामी ने कही यह बात:
उत्तराखंड CM पुष्कर सिंह धामी ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि, “अमरनाथ में राज्य के भी लोग फंसे हैं और उन सबको निकालने के लिए हम हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। मैं गृह मंत्री और उपराज्यपाल (जम्मू-कश्मीर) से अनुरोध करूंगा कि, फंसे लोगों को जल्द से जल्द निकाला जाए। फंसे लोगों को सहायता प्रदान कराने में हम लगे हैं।”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह मंत्री और रक्षा मंत्री से की बात
इस बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री और रक्षा मंत्री से बात की है। एनएआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि उत्तराखंड के लोग भी अमरनाथ के बादल फटने से प्रभावित इलाकों में फंसे हुए हैं, हम उन्हें बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। कहा कि मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनके एलजी मनोज सिन्हा से भी अनुरोध करूंगा कि उन्हें बचाने के लिए हर संभव व्यवस्था करें। वहीं मुख्यमंत्री धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी इस मामले को लेकर फोन पर बात की है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक अमरनाथ गुफा के नजदीक 8 जुलाई की शाम करीब साढ़े 5 बजे बादल फटा. बादल फटने के बाद अचानक गुफा के आसपास के इलाकों में बाढ़ आ गई. पानी के तेज बहाव के कारण बालटाल बेस कैंप के नजदीक कई लोग, टेंट, कम्युनिटी किचन बह गए. घटना के बाद इलाके से लोगों को निकालने का काम रात भर जारी रहा है. भारतीय सेना के अलावा, वायुसेना, NDRF, आईटीबीपी, SDRF, CRPF की टीमें राहत कार्यों में जुटी है.
‘हादसे का नहीं था पूर्वानुमान’
NDRF के डीजी अतुल करवाल ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि भारतीय वायुसेना की मदद से वहां रेस्क्यू अभियान तेज हो गया है. उन्होंने बताया,
राहत अभियान को लेकर अतुल करवाल ने कहा कि एनडीआरएफ की चार टीमें वहां मौजूद हैं जिसमें 100 से ज्यादा कर्मचारी हैं. सुबह साढे़ चार बजे तक ऑपरेशन जारी रहा. पानी बढ़ने के कारण सिर्फ डेढ़ घंटे के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन रोका गया. सुबह 6 बजे से टीम फिर लोगों को ढूंढ़ने और घायलों को बचाने में जुट गई.
उधर, भारतीय वायुसेना ने कहा है कि अब तक 29 लोगों को बचाया जा चुका है. इनमें 9 लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है. वायुसेना ने बचाव कार्यों के लिए Mi-17 और ALH ध्रुव हेलीकॉप्टर को तैनात किया है. वहीं बीएसएफ कश्मीर ने बताया कि सुबह से 15 घायलों को बालटाल एयरलिफ्ट किया गया है.
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार शाम करीब सवा पांच बजे अमरनाथ गुफा में पूजा अर्चना चल रही थी। झमाझम वर्षा हो रही थी। मौसम पूरी तरह ठंडा था। सैकड़ों श्रद्धालु सीढ़ियों से आ-जा रहे थे। वहीं 15 हजार से अधिक संख्या में श्रद्धालु दरबार और नीचे टेंट में रुके थे। अचानक तेज आवाज आई और गुफा से सटे पहाड़ से मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर पानी के साथ तेज बहाव में बहने लगे। इस बहाव में टेंटों में मौजूद कई लोग बह गए।
अब तक 16 लोगों की मौत और बचाव अभियान जारी:
बता दें कि, अमरनाथ में बादल फटने के बाद बालटाल में भारतीय सेना बचाव अभियान में लगी है। NDRF के DG अतुल करवाल के मुताबिक, बादल फटने से अब तक 16 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, श्रीनगर में BSF कश्मीर मुख्यालय से शवों को पुलिस मुख्यालय ले जाया जा रहा है।
फंसे हुए 15,000 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया:
जानकारी के लिए बता दें कि, अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने के कारण अचानक आयी बाढ़ के चलते फंसे कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को यहां निचले आधार शिविर पंजतरणीस्थानांतरित कर दिया गया है। आईटीबीपी के प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि, आईटीबीपी ने पवित्र गुफा के निचले हिस्से से पंजतरणी तक जाने वाले मार्ग में लगे दलों की संख्या भी बढ़ा दी है।
29 लोगों को बचाया गया:
IAF अधिकारी के अनुसार, अमरनाथ में बादल फटने के बाद अब तक 29 लोगों को बचाया गया है जिनमें से 9 गंभीर रूप से घायल हैं। जिन्हें अस्पताल
एनडीआरएफ के निदेशक जनरल अतुल करवार ने बताया कि, 16 लोगों की मौत की खबर है और 40 के आसपास लोग लापता हैं। रात साढ़े 4 बजे तक रेस्क्यू का काम चला फिर बारिश के कारण राहत एवं बचाव अभियान रोका गया, वापस सुबह 6 बजे से राहत एवं बचाव अभियान शुरू किया गया।
अमरनाथ यात्रा स्थगित
अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हुई थी. इस हादसे के बाद यात्रा स्थगित कर दी गई है. अधिकारियों के मुताबिक, बचाव अभियान खत्म होने के बाद यात्रा फिर से शुरू करने पर फैसला किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक अब तक करीब एक लाख श्रद्धालु गुफा तक पहुंच चुके हैं. 43 दिनों की यह यात्रा 11 अगस्त को खत्म होने वाली है.
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