भारत – नेपाल के बीच टूरिज़्म पैकेज पर मंथन : खुलेंगे सीमापार पर्यटन के नए द्वार

उत्तराखण्ड के नैनीताल में भारत और नेपाल के बीच पर्यटन गतिविधियों को तेज करने और इसे एक नई दिशा देने के उद्देश्य से नैपाल के शुक्लाफाटा नैशनल पार्क से एक प्रतिनिधिमंडल नैनीताल पहुंचा। पर्यटन व्यवसायी से जुड़े परमानंद भंडारी का कहना है कि नैपाल अपने पर्यटकों को केदारनाथ, बद्रीनाथ, मसूरी, देहरादून, कैंचीं और नैनीताल समेत अनेकों पर्यटन स्थल घुमाना चाहता है।
जबकी नैपाल में पड़ने वाले शुक्लाफाटा राष्ट्रीय पार्क, महेन्द्रनगर, धनगढ़ी, करनाली, चीसापानी आदि पर्यटन स्थलों को भारतीय पर्यटकों के दीदार के लिए दिल खोल कर बैठे हैं।
नैनीताल के एक निजी होटल में भारत और नैपाल के पर्यटन से जुड़े लोग बैठे। इनका मकसद था कि नैपाली पर्यटकों को भारत के इस हिस्से में घूमना और भारत के इस हिस्से के लोगों को नैपाल के सुदूरवर्तीय पश्चिम क्षेत्रों का भ्रमण कराना। इसमें मुख्य आकर्षण कॉर्बेट नैशनल पार्क के जैसा शुक्लाफाटा नैशनल पार्क है जहां स्वाम्प डियर(बारहसिंघा)की 5 प्रजातियां, गैंडा, बाघ, हाथी, ब्लैक बग आदि समेत 431 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां वास करती हैं।
नैपाल की तरफ से धनगढ़ी, महेन्द्रनगर, और शुक्ला फांटा के व्यवसायी के अलावा डिप्टी वार्डन व अन्य ऑफिसियल पहुंचे। नभरत की तरफ से नैनी ताल के होटल और ट्रेवल्स से जुड़े लोग मौजूद रहे। दोनों के बीच पर्यटन के नए अवसरों को विकसित करने पर विचार विमर्श हुआ। शुक्लाफांटा नैशनल पार्क की 15 सदस्यीय टीम में एन.जी.ओ. हिमालय नेचर, जियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन(नैपाल चैप्टर)के प्रतिनिधि पहुंचे थे।
नैनीताल के होटल व्यवसायियों, टूर एंड ट्रैवल एसोसिएशन और स्थानीय पर्यटन हितधारकों ने मेहमानों को पर्यटन बढ़ाने में सहयोग करने के साथ व्यवसायी से जुड़े कई अनुभव बताए। नैपाल के प्रतिनिधिमंडल जिम कॉर्बेट नैशनल पार्क में पर्यटन विकास के मॉडल का अध्यन करते हुए सोमवार को नैनीताल पहुंचे थे। बताया कि शुक्लाफांटा नैशनल पार्क में प्रतिवर्ष लगभग 4 हजार पर्यटक आते हैं, लेकिन कोविड काल के बाद यह संख्या घट गई। ऐसे में भारत–नेपाल की संयुक्त पहल से पर्यटन को नई गति मिल सकेगी।
बैठक में शुक्लाफांटा के वन्य जीवन, प्राकृतिक सौंदर्य और नए विकसित सफारी रूट्स के बारे में नैनीताल के होटल व्यवसायियों और टूर ऑपरेटरों को विस्तार से जानकारी दी। कहा कि क्रॉस-बॉर्डर टूरिज्म से दोनों देशों के बीच पर्यटकों का आदान-प्रदान बढ़ेगा और भारतीय पर्यटकों को दुर्लभ वन्य जीवों के नज़दीक से दर्शन का अवसर भी मिलेगा।
बैठक में यह सहमति बनी कि जल्द ही संयुक्त पर्यटन पैकेज तैयार किया जाएगा, जिससे नैनीताल से सीधे शुक्लाफांटा तक सड़क मार्ग से यात्रा सरल और सुगमता से हो सकेगी। इसके साथ ही एक विशेष प्रचार-प्रसार अभियान भी चलाया जाएगा, जिससे शुक्लाफांटा को उत्तराखंड के पर्यटकों के लिए एक नई उभरती हुई डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया जा सके।
बैठक में होटल व्यवसायी परमानंद भंडारी, रामचंद्र, केशव पांडेय, संतोष पलड़िया, पुष्कर, नंदलाल पांडेय, धन्यजय जयश्री, श्रीराम घिमरे, ख़ेम भंडारी, विष्णु प्रसाद पनेरू, रमेश नंद तिवारी और पुरुषोत्तम आर्य सहित अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती


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