BIG NEWS : उच्च न्यायालय के खनन नीति पर रोक के बाद सरकार ने स्पष्ट किया आदेश

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उत्तराखंड : मा० उच्च न्यायालय के आदेश की प्राप्ति के बाद दिनांक 06.01.2022 को ऐसे सभी अल्प अवधि अनुज्ञाओं की उपखनिज निकासी पर लगाई गई रोक के आदेश को दुरुस्त एवं संशोधित करते हुए शासन स्तर से प्रभावी आदेश निर्गत किया जा रहा है शासन ने आज शनिवार को निरगीत आदेश में स्पष्ट किया है माननीय न्यायालय द्वारा लगाई रोक और आदेश केवल याचिकरता को प्रभावी करने वाले मात्र मामले में ही जारी रहेगी।बाकी प्रदेश में खनन नीति पुराने शासनादेश से चलेगी।

चूंकि बीफ होल्डर के द्वारा बताई गई स्थिति के अनुरूप मा० उच्च न्यायालय, नैनीताल के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित हो इस आधार पर पूर्व में स्वीकृत सभी अनुज्ञाओं तथा उक्त अनुज्ञाओं के कम में उपखनिज निकासी के मामलों में रोक लगाई गई थी। इसी बीच आज मा० उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 06.01.2022 की प्रति प्राप्त होने के बाद स्थिति स्पष्ट हुई है कि मा० उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक सरकार की अधिसूचना दिनांक 28.10.2021 पर न होकर मात्र याचीकर्ता को प्रभावित करने वाले एक मात्र मामले में ही प्रभावी है।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 28.03.2020 द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुरूप राज्य की नदी, सहायक नदी, गदेरों के तल से लगी एवं इससे भिन्न निजी नाप भूमि के समतलीकरण, वाटर स्टोरेज टैंक, रिसाइकिलिंग टैक, मत्स्य तालाब निर्माण आदि कियाकलापों को गैर खननकारी कियाकलाप घोषित करते हुए ऐसे गैर खननकारी कियाकलापों हेतु पर्यावरणीय अनुमति की आवश्यकता न होने के सम्बन्ध में निर्गत राज्य सरकार की अधिसूचना दिनांक 28.10.2021 को एक खनन पट्टाधारक श्री सत्येन्द्र कुमार तोमर द्वारा मा० उच्च न्यायालय, नैनीताल में चुनौती दिये जाने के उपरान्त दिनांक 06.01.2022 को निर्धारित सुनवाई में हुये निर्णय की स्थिति से ब्रीफ होल्डर के पत्र द्वारा दी गई जानकारी के उपरान्त दिनांक 06.01.2022 को सरकार की अधिसूचना दिनांक 28.10.2021 के अन्तर्गत दी गई सभी अनुज्ञाओं के उपखनिज निकासी पर रोक लगायी गयी थी।

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