सावधान : उत्तराखंड में भारी बारिश और अतिवृष्टि की चेतावनी,इन जिलों में अलर्ट जारी

ख़बर शेयर करें

उत्तराखंड : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), देहरादून ने उत्तराखंड के कई जिलों में 10 और 11 अप्रैल को भारी वर्षा, ओलावृष्टि, आकाशीय बिजली और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने संबंधित जिला प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रतिक्रिया टीमों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।

आईएमडी के मुताबिक निम्नलिखित जिलों में 10-11 अप्रैल को गर्जन के साथ भारी वर्षा, ओलावृष्टि और तेज हवाएं चलने की संभावना है:

10-11 अप्रैल को प्रभावित जिले:

उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा:

गर्जन के साथ आकाशीय बिजली

ओलावृष्टि की संभावना

40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से झोंकेदार हवाएं

देहरादून, पौड़ी, चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर:

आकाशीय बिजली और ओलावृष्टि

60-80 किमी/घंटा की तेज हवाएं (झक्कड़)

आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी सावधानियां

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी संबंधित विभागों और जिला प्रशासन को निम्नलिखित दिशा-निर्देश जारी किए हैं:

यातायात नियंत्रण:

    भारी वर्षा के दौरान संवेदनशील मार्गों पर यातायात नियंत्रण किया जाए।

    भूस्खलन-प्रभावित क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही सीमित की जाए।

    त्वरित आपदा प्रतिक्रिया:

      किसी भी आपात स्थिति में तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया जाए।

      स्थानीय प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीमें तैयार रहें।

      आपदा प्रबंधन टीमों की तैनाती:

        आईआरएस प्रणाली के नोडल अधिकारी और विभागीय टीमें हाई अलर्ट पर रहें।

        सड़कों की स्थिति निगरानी:

          एनएच, पीडब्ल्यूडी, बीआरओ और अन्य एजेंसियों द्वारा सड़क बाधित होने पर तुरंत मरम्मत की जाए।

          ग्रामीण क्षेत्रों में तैनाती:

            राजस्व अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और पंचायत प्रतिनिधि अपने क्षेत्रों में मौजूद रहें।

            पुलिस और आपातकालीन सेवाएं:

              सभी थानों और चौकियों में आपदा राहत उपकरण तैयार रखे जाएं।

              वायरलेस संचार प्रणाली सक्रिय रखी जाए।

              अधिकारियों की उपलब्धता:

                सभी अधिकारियों के मोबाइल और संचार उपकरण चालू रखे जाएं।

                आपातकालीन किट तैयार रखना:

                  अधिकारी अपने वाहनों में बरसाती, टॉर्च, हेलमेट और प्राथमिक चिकित्सा किट रखें।

                  राहत शिविरों की तैयारी:

                    फंसे हुए लोगों के लिए खाद्य सामग्री और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

                    शैक्षणिक संस्थानों में सावधानी:

                    स्कूल-कॉलेजों में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

                    पर्यटकों पर प्रतिबंध:

                    उच्च हिमालयी क्षेत्रों (जैसे केदारनाथ, बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब) में पर्यटकों का आवागमन प्रतिबंधित किया जाए।

                    जनता को जागरूक करना:

                    मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों को मौसम की चेतावनी से अवगत कराया जाए।

                    लोगों से अनावश्यक यात्रा न करने की अपील की जाए।

                    भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों में सतर्कता:

                    संवेदनशील मार्गों पर पहले से ही उपकरणों और मशीनरी की तैयारी रखी जाए।

                      नागरिकों के लिए सलाह

                      भारी बारिश के दौरान घर से बाहर न निकलें।

                      नदी-नालों के किनारे न जाएं।

                      बिजली के खंभों और पेड़ों से दूर रहें।

                      आपात स्थिति में 112 या जिला आपदा प्रबंधन केंद्र से संपर्क करें।

                      राज्य सरकार ने सभी विभागों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।

                      लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

                      👉 Join our WhatsApp Group

                      👉 Subscribe our YouTube Channel

                      👉 Like our Facebook Page