मनमानी..उड़ान पर रोक फिर भी हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंच गए BKTC अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी

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उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर सेवाओं पर लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद एक बार फिर हेलीकॉप्टर उड़ान का मामला सामने आया है। इस बार मामला और भी गंभीर बन गया जब यह सामने आया कि प्रतिबंध के बावजूद जो हेलीकॉप्टर केदारनाथ पहुंचा, उसमें बद्री-केदार मंदिर समिति (BKTC) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी स्वयं सवार थे। पूरी घटना से न केवल नियमों की अनदेखी है, बल्कि हेली सेवाओं के संचालन में मौजूदा खामियों की ओर भी इशारा किया है।

क्या है मामला?

जानकारी के अनुसार, दो दिन पहले सोमवार को हेरिटेज एविएशन कंपनी द्वारा एक हेलीकॉप्टर केदारनाथ भेजा गया, जबकि इस क्षेत्र में मौसम खराब होने और सुरक्षा कारणों से DGCA (डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन) तथा UCADA (उत्तराखंड सिविल एविएशन एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) द्वारा हेली सेवाओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था। बावजूद इसके कंपनी ने नियमों की अवहेलना करते हुए हेलीकॉप्टर उड़ाया।

हेलीकॉप्टर में BKTC अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी और उनके साथ कुछ उद्योगपति सवार थे। पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने पुष्टि की कि यह समूह खराब मौसम के कारण केदारनाथ में फंसा रहा।

जैसे ही यह उड़ान अधिकारियों की नजर में आई, DGCA और UCADA ने तत्काल कार्रवाई करते हुए हेलीकॉप्टर को केदारनाथ में ही ग्राउंड करवा दिया। DGCA ने हेलीकॉप्टर को 24 घंटे तक वहीं रोके रखा और UCADA को मामले की विस्तृत जांच का निर्देश दिया।

UCADA के CEO आशीष चौहान ने बताया कि हेरिटेज एविएशन को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। उन्होंने साफ कहा कि हेलीकॉप्टर उड़ान SOP, DGCA व UCADA के नियमों का उल्लंघन गंभीर मामला है और इसकी निष्पक्ष जांच की जाएगी।

जांच अधिकारी ने क्या कहा?

UCADA में जांच अधिकारी संजय टोलिया ने बताया कि केदारनाथ क्षेत्र में हेलीकॉप्टर सेवा सितंबर तक पूरी तरह प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि यह हेलीकॉप्टर किन परिस्थितियों में गया, इसकी गहन जांच हो रही है, और दो दिन में रिपोर्ट पेश की जाएगी।

संजय टोलिया ने आगे कहा:

“हेली सेवाओं को लेकर SOP बेहद स्पष्ट हैं। मौसम खराब होने की स्थिति में फ्लाइट को तुरंत वापस लौटना होता है। कंपनी ने अनुमति के बिना मनमानी की है।”

उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा उड़ान की अनुमति मांगे जाने की जानकारी उन्हें दिल्ली में मिली थी और उन्होंने तुरंत अनुमति रद्द कर दी थी, लेकिन तब तक हेलीकॉप्टर उड़ान भर चुका था।

UCADA के नियमों के अनुसार, किसी भी हेली उड़ान के लिए पायलट, यात्री की पूरी जानकारी (Aadhaar सहित) अनिवार्य होती है। इस मामले में BKTC अध्यक्ष सहित सभी यात्रियों की भी जांच की जाएगी कि किन परिस्थितियों में उन्होंने यह उड़ान भरी। जांच अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यात्रियों की भूमिका भी इस जांच का हिस्सा है और यदि कोई नियमों के उल्लंघन में पाया गया तो कड़ी कार्रवाई होगी।

इस पूरे मामले में सबसे महत्वपूर्ण BKTC अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी है। मीडिया द्वारा उनसे संपर्क करने की कई कोशिशें की गईं, लेकिन उनसे सम्पर्क हो नहीं पाया। जिससे सवाल और गहरे हो गए हैं । आखिर किस आधार पर उन्होंने प्रतिबंधित क्षेत्र में उड़ान भरी? क्या उन्हें नियमों की जानकारी नहीं थी? या नियमों को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया?

आखिर कब सुधरेंगी हेली कंपनियां?

केदारनाथ यात्रा के दौरान लगातार हो रही हेली दुर्घटनाओं ने पहले ही सुरक्षा चिंताओं को जन्म दिया है। बावजूद इसके हेली कंपनियों का गैर-जिम्मेदाराना रवैया थमने का नाम नहीं ले रहा। DGCA और UCADA पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि मानकों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस सीजन में हुई घटनाओं के मद्देनज़र सरकार अब किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करने के मूड में है।

यह मामला न केवल एक नियम उल्लंघन का है, बल्कि यह उत्तराखंड की धार्मिक और हवाई यात्रा व्यवस्थाओं की गंभीर चूक है। जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी, लेकिन बड़ा सवाल यही है कि जब राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियां सुरक्षा को लेकर इतनी सख्त हैं, तो ऐसी चूकें आखिरकार कैसे हो रही हैं? क्या नियम केवल आम जनता के लिए हैं, और प्रभावशाली लोग इनसे परे हैं?

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