उत्तराखंड : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महारा द्वारा की गई नियुक्तियां रद्द..

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उत्तराखंड कांग्रेस में क्या एक बार फिर गुटबाजी का दौर शुरू होने वाला है ऐसे कयास लगाया जा रहे हैं। दरअसल ऐसा इसलिए क्योंकि उत्तराखंड कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी सांसद कुमारी शैलजा ने कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा द्वारा की गई नियुक्तियों को अवैध मानते हुए रद्द कर दिया है।

कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा ने उत्तराखंड कांग्रेस में कर दी बड़ी कार्यवाही उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस संगठन व जिला ब्लॉक संगठन में अस्थाई अस्थाई नियुक्ति की गई है उन सभी नियुक्तियों को प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने रद्द कर दिया है प्रभारी द्वारा की गई यह कार्रवाई कांग्रेस अध्यक्ष करण महारा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

आपको बता दें इससे पहले प्रदेश प्रभारी रहे देवेंद्र यादव करण महारा के बेहद करीबी रहे लेकिन प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा से लगता है अध्यक्ष करण महारा की पटरी नहीं बैठ रही है।

आपको बता दें कांग्रेस अध्यक्ष ने कुछ महामंत्री, सचिव, जिलों के जिलाध्यक्ष जिसमे हरिद्वार, पछवादून के अध्यक्ष, ब्लॉक के अध्यक्ष समेत कई नियुक्ति रद्द कर दी गई है।

कांग्रेस लोकसभा चुनाव के बाद बदली-बदली नजर आ रही है। उसकी झलक कांग्रेस के फैसलों में भी नजर आ रही है। संगठन से जुड़े फैसलों पर भी सख्ती से एक्शन लिया जा रहा है। ऐसा ही एक चिट्टी कांग्रेस प्रभारी लोकसभा सांसद कुमारी शैलजा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करना माहरा को लिखी है।


कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा को तगड़ा झटका देते हुए उनके द्वारा की गई अनेको नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। प्रभारी शैलजा की ओर से जारी लेटर में कहा गया है कि जिनकी नियुक्ति बिना केंद्रीय नेतृत्व की संतुति के हुई है, उनको तत्काल प्रभाव से हटाया जाए।


इस चिट्ठी के बाद जिनको हटाया गया है, उनमंे महानगर हरिद्वार के अध्यक्ष अमन गर्ग, पछवादून के जिलाध्यक्ष राकेश नेगी सहित अनेकों प्रदेश और अन्य पदों पर की बिना संतुति की गई नियुक्तियां शामिल हैं।
अगस्त माह में दिल्ली में प्रदेश के नेताओं की प्रदेश प्रभाी से बैठक हुई थी। उसी बैठक में कई नेताओं ने इस तरह की शिकायतें की थीं। बैठक में प्रदेश प्रभारी के सामने ही सभी नेताओं व विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर की थी।


नेताओं की नाराजगी को प्रदेश प्रभारी ने गंभीर मानते हुए मौखिक रूप से सभी नियुक्तियों को अवैध माना था। इसको लेकर अब साफतौर पर कह दिया गया। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कांग्रेस आलाकमान राज्यों के मसलों पर भी पैनी नजर बनाए हुए है।

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