भगोड़े खालिस्तानी समर्थक खालिस्तानी अमृतपाल सिंह को आखिरकार 36 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया. पंजाब पुलिस ने 23 अप्रैल की सुबह करीब पौने सात बजे मोगा जिले के रोडे गांव से गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है. पंजाब पुलिस के IG (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पुलिस ने पिछले 35 दिनों से मामले में प्रेशर बना रखा था. इनपुट के आधार पर उसे रोडे गांव में लोकेट किया गया था. उसकी गिरफ्तारी अमृतसर पुलिस और इंटेलीजेंस विंग के जॉइंट ऑपरेशन के तहत हुई है।
IG (मुख्यालय) सुखचैन सिंह ने मीडिया को बताया कि पुलिस ने रोडे गांव को पूरी तरह से घेर लिया था, जब अमृतपाल गुरुद्वारा साहिब के भीतर था. उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत वारंट जारी हुआ था, जिसे आज लागू कर दिया गया. सुखचैन सिंह ने बताया।
गुरुद्वारा साहिब का सम्मान सबसे ऊपर है इसलिए मर्यादा का ध्यान रखते हुए पुलिस गुरुद्वारा साहिब के अंदर नहीं गई. अमृतपाल को संदेश भेजा गया कि वो घिरा हुआ है. और उसके पास बचने का कोई रास्ता नहीं है. उसे NSA के तहत डिब्रूगढ़ ले जाया गया।
आईजी ने बताया कि पंजाब के तमाम विभाग और इंटेलिजेंस विंग एक-दूसरे की मदद से काम कर रहे थे. उन्होंने पंजाब के लोगों का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि लोगों ने पंजाब में कानून व्यवस्था को खराब नहीं किया और भाईचारे को कायम रखा. साथ ही आईजी ने चेतावनी दी कि किसी को भी पंजाब का माहौल खराब करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
अजनाला पुलिस स्टेशन पर किया था हमला
अमृतपाल सिंह सबसे पहले 23 फरवरी को चर्चा में आया था. उसने अजनाला पुलिस स्टेशन में अपने करीबी को छुड़ाने के लिए हजारों समर्थकों के साथ हमला बोल दिया था. इस हमले में 6 पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे. इसके बाद उसने कई टीवी चैनलों में दिए इंटरव्यू में अलग खालिस्तान की मांग की थी. इतना ही नहीं अमृतपाल ने देश के गृह मंत्री अमित शाह को भी धमकी दी थी. अमृतपाल की तुलना खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले से भी की जा रही है.
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