ऐपण कला से उत्तराखंड की संस्कृति को सहेज रही हैं आकांक्षा बिष्ट – युवाओं को दे रहीं नई दिशा”


उत्तराखण्ड की पारंपरिक ऐपण कला (Aipan Art) आज फिर से जीवित हो रही है, और इसका श्रेय जाता है कुमाऊँ की बेटी आकांक्षा बिष्ट (Akanksha Bisht) को। मुक्तेश्वर के प्यूड़ा गाँव की रहने वाली आकांक्षा इस भूली-बिसरी कला को आधुनिक समय में नई पहचान दिला रही हैं।

ऐपण कला क्या है?
कुमाऊँनी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा Aipan Art घर-आंगन, पूजन और त्योहारों का प्रतीक रही है। यह लाल मिट्टी की पृष्ठभूमि पर सफेद रंग से बनाई जाने वाली लोक कला है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है।
आकांक्षा बिष्ट का योगदान
आकांक्षा पिछले दो सालों से Aipan Art Promotion का काम कर रही हैं। हल्द्वानी में पढ़ाई के साथ-साथ वह युवाओं और महिलाओं को इस कला से जोड़कर आत्मनिर्भर बनने का रास्ता दिखा रही हैं।

ऐपण कला के आधुनिक प्रोडक्ट्स जैसे –
नेमप्लेट्स
दीये
कोस्टर्स
पूजा थाल
में डिज़ाइन कर रही हैं, जिससे यह कला सिर्फ परंपरा तक सीमित न रहकर आर्थिक आजीविका का भी साधन बने।
पलायन और संस्कृति का सवाल
आकांक्षा का मानना है कि उत्तराखण्ड में तेजी से हो रहे पलायन (Migration) के कारण यह कला खतरे में है। नई पीढ़ी को ऐपण शब्द तक की जानकारी नहीं है। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाली पीढ़ियाँ इस धरोहर से वंचित रह जाएंगी।

युवाओं के लिए संदेश
आकांक्षा बिष्ट कहती हैं –
“अगर हम अपनी संस्कृति को बचाना चाहते हैं, तो हमें अपनी जड़ों से जुड़ना होगा। ऐपण जैसी पारंपरिक कला को केवल पूजा तक सीमित न रखकर इसे रोजगार का माध्यम भी बनाना होगा।”
संपर्क करें
अगर आपको आकांक्षा के बनाए ऐपण पसंद आते हैं या इन्हें खरीदना चाहते हैं, तो आप आकांक्षा बिष्ट से सीधे संपर्क कर सकते हैं:
📧 Email: akankshakaira091@gmail.com
📷 Instagram: @akanksha_artgallery1998


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