उत्तराखण्ड में नैनीताल के रामगढ़, भीमताल, मुक्तेश्वर, नाथुवाखान, बेतालघाट आदि पहाड़ी क्षेत्रों में लोग नियमों का उल्लंघन कर व्यवसायिक व अन्य कार्यों में जुटे हैं। राज्य सरकार ने अब ऐसे बाहरी लोगों की जमीनों के लिए नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं। नैनीताल जिला प्रशासन ने ऐसे 64 लोगों को नोटिस जारी कर भूमि का हाल पूछा है।
ऊत्तराखण्ड के नैनीताल व आसपास एक घर या संपत्ति होना कई लोगों की पहली इच्छा होती है।यहां, बाहरी लोग नगर निकाय सीमा के बाहर अधिकतम 250 वर्ग मीटर भूमि खरीद सकते हैं। ऐसे में ये लोग भूमि का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए भूमि को कृषि उपयोग के लिए दिखाते हुए अनुमाती ले लेते हैं।
हालांकि वो लोग भूमि में व्यावसायिक उपयोग करते हैं। ऐसे लोग यहां के नेताओं और अदिकरियों के साथ मिलकर सरकारी भूमि को सशर्त अपने नाम करा लेते हैं। ये लोग, कृषि या किसी अन्य मकसद से दी गई जमीन पर वो काम न करके, व्यावसायिक या अन्य काम करने लगते हैं। अब राज्य सरकार ऐसे लोगों से भूमि वापस लेने की मुहिम चला रही है।
सम्पूर्ण उत्तराखण्ड की अगर बात करें तो अबतक की जांच में 100 से अधिक जमीनें सवालों के घेरे में आ गई हैं। इनमें से कई पर कानूनी कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है। नैनीताल जिला प्रशासन के अनुसार नैनीताल जिले में दिल्ली, मुंबई, हरियाणा और उत्तरप्रदेश के 43 लोगों ने 23.88 हैक्टेयर जमीन खरीदी थी।
इन लोगों ने जमीन खरीदने के दो साल बाद तक उसपर कोई काम नहीं किया। इसलिए इन जमीनों के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। बताया गया है कि नैनीताल के मुक्तेश्वर में कई फिल्मस्टार, क्रिकेटर, उद्योगपति और राजनेताओं से लेकर प्रख्यात लोग बस रहे हैं।
अल्मोड़ा के लमगड़ा क्षेत्र में प्रख्यात फिल्म अभिनेता मनोज वाजपेयी की ऐसी भूमि भी पिछले दिनों विवाद में रही है। नैनीताल की जॉइंट मैजिस्ट्रेट आई.ए.एस.वरुणा अग्रवाल ने बताया कि जांच में मिला कि जिस कार्य के लिए भूमि दी गई थी वो वहां नहीं किये जा रहे थे। ऐसे लोगों के खिलाफ चालानी कार्यवाही और नोटिस भेजकर जवाब मांगा जा रहा है। अब उनका जवाब आने के बाद कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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