सीख ले सके तो ले सीख ,दृष्टि विहीन बच्चे बने देवदूत, अपनी पॉकेट मनी से वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने के लिये सीएम रिलीफ फंड में दिया 11000 रूपये।

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हल्द्वानी {GKM  न्यूज़ }कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने के लिए हर कोई केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकार की मदद करने में लगा हुआ है, कही उद्योगपति तो कहीं निजी संस्थाएं सीएम रिलीफ और पीएम रिलीफ फंड में आर्थिक मदद को आगे आ रही हैं लेकिन कुछ ऐसे भी मासूम हैं जिनको खुद मदद की दरकार है और वह आज इस वैश्विक महामारी की घड़ी में सरकार को मदद कर रहे हैं, यह मदद उन लोगो के लिए भी नजीर है जो सामर्थ्य वान होने के बावजूद अपनी तिजोरिया बंद किया बैठे है,  वो इन बच्चो से सिख लेना चाहे तो ले सकते है सीख। 

 उत्तराखंड के हल्द्वानी का नेशनल ब्लाइंड स्कूल जहां पर दृष्टिविहीन बच्चे रहते हैं और अपनी शिक्षा दीक्षा पूरी कर रहे हैं, आज पूरा विश्व कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है पर हर कोई इस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए अपने अपने तरीके से राज्य और केंद्र सरकार की मदद कर रहा है, तो वही नेशनल ब्लाइंड स्कूल के पढ़ने वाले दृष्टि विभिन्न बच्चों ने भी कोरोना महामारी से लड़ने के लिए एकजुटता दिखाई है और मुख्यमंत्री राहत कोष में ₹11000 का चेक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के हाथों में सौंपा है, जिसके बाद इन दृष्टि विहीन बच्चों को देवदूत बोल रहा है ,बच्चों द्वारा दिया गया या 11000 का चेक बच्चों ने पॉकेट मनी से बचत करके जमा की है, बच्चे अपनी पॉकेट मनी की बचत को इकट्ठा करके स्कूल के प्रबंधन को दे दिया था जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने भी अपनी तरफ से थोड़ी सी मदद करके ₹11000 का चेक बना कर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत को सौंपा है ताकि यह पैसा किसी जरूरतमंद के काम आ सके,
आज बच्चों ने देवदूत बन कर कोरोना महामारी से लड़ने के लिए जिस तरह से सरकार की मदद की है उससे यह साफ हो गया है कि अब वह दिन दूर नहीं कि हमारा देश कोरोनावायरस से जीत जाएगा, क्योंकि कहते हैं कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं, और जब भगवान खुद इस लड़ाई में मदद कर रहे हैं तो जीत सुनिश्चित होगी।

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