विधायक खरीद फरोख्त मामला,पूर्व मुख्यमंत्री को 01 अक्टूबर तक राहत।

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 नैनीताल [ GKM  news ] उत्तराखंड के बहुचर्चित विधायकों की खरीद-फरोख्त के स्टिंग मामले में नैनीताल हाई कोर्ट में सुनवाई टल गई
    न्यायमूर्ति रमेश खुल्बे की एकलपीठ ने 1 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई की तिथि नियत की है।
आज हरीश रावत के अधिवक्ता ने कल सुनवाई के लिए न्यायालय से समय की मांग की था, जिसपर केंद्र की तरफ से अधिवक्ता द्वारा कल सुनवाई नही करने की बात कही गई। यूनियन ऑफ इंडिया और सी.बी.आई.के अधिवक्ता द्वारा 26 सिंतबर की तारीख की मांग की गई।
 मामले में अब सी.बी.आई. प्राथमिक जांच रिपोर्ट को एक अक्टूबर को न्यायालय में पेश करेगी। सुनवाई के दौरान सी.बी.आई.के अधिवक्ता ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट हरीश रावत के अधिवक्ता को सौंपने से इनकार किया ।  

वीओ 1 :-  वहीं नैनीताल पहुँचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा की सीबीआई जांच उन्हें फसाने की लिए की जा रही है। कहा कि केंद्र सरकार की ये साजिश है और केंद्र सरकार सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है। हरीश रावत ने कहा कि मुकदमा उन लोगो पर होना चाहिए जो लोगो हमारे घर को लूट कर ले गए और अब विधायक बनकर दूसरे के घर में बैठे है।

बाईट 1  :- हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री।

 वीओ 2 :-   वहीं हरीश रावत के अधिवक्ता देवदत्त कामत ने बताया कि सीबीआई की प्राथमिक जांच रिपोर्ट गलत है। कहा कि मामले में कोई भी एफआईआर दर्ज नही हुई है अगर एफआईआर दर्ज होती है तो वो गैरकानूनी होगी। हरीश रावत की गिरफ्तारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने पुर्व में गिरफ्तारी पर रोक लगाई है।

बाईट 2 :- देवदत्त कामत, अधिवक्ता हरीश रावत।
     आपको बता दें कि 2017 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया था, जिसके बाद से उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार गिरी और सरकार गिरने के बाद राज्यपाल की संस्तुति से हरीश रावत पर सीबीआई जांच शुरू हुई। सीबीआई हरीश रावत की गिरफ्तारी की तैयारी कर रहा था लेकिन इसी बीच हरीश रावत ने स्टिंग को फर्जी बताते हुए नैनीताल हाई कोर्ट की शरण ली और अपनी गिरफ्तारी पर रोक और सीबीआई जांच को खत्म करने की मांग की थी।

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