वाह रे उत्तराखंड पुलिस, कोतवाल बड़ा या पुलिस महानिदेशक सवाल उठना लाजमी
देहरादून, (GKM news वरिष्ठ संवाददाता) पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था के निर्देश की परवाह नही राजधानी के एक कोतवाल साहब को
अपने जिगर के टुकड़े की मौत की एफआईआर लिखाने के लिए दर दर भटक रहा है एक दुखी बाप।
राजधानी के कोतवाल साहब जवान बेटे की मौत से दुखी बाप की एफआईआर तो दर्ज नही करते पर दुखी बाप को कहानियां सुना कर टरका जरूर देते है।कहानियां भी वो जो उनकी जवानी में उनके साथ घटी थी।
उत्तराखंड पुलिस के लिए शायद मानवता मर चुकी है, संवेदनहीन कोतवाल उस दुखी बाप के दर्द को भी नही समझते जिसका 17 वर्षीय जवान बेटा, उसके बुढ़ापे का सहारा दोस्तो के साथ गया तो पर वापस नही लौट, आया तो उसका मृत शरीर ।
अपनी रिपोर्ट लिखाने के लिए पिछले 20 दिनों से सब कुछ खो बैठा बाप कोतवाल साहब से गुहार लगा रहा है उत्तराखंड के ईमानदार कोतवाल जांच करवाने के बहाने प्रार्थना पत्र को जांच के नाम पर पुलिस पुलिस खेल कर दर्द झेल रहे बाप का मख़ौल उड़ा रहे हैं।
पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों के आदेश, वादी की तुरंत लिखी जाए एफआईआर , पर राजधानी के कोतवाल साहब से बड़े थोड़ी नही पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड।
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