फरार कोरोना पाजेटिव को बमुश्किल पकड़ा लाइव वीडियो, फिर भी सवाल , क्यों कतरा रहे आला अधिकारी देने से जानकारी।
रामनगर (GKM news सलीम अहमद,साहिल)के छोई स्थित समसारा संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर से कोरोना पॉजिटिव दिन दहाड़े फरार हो गया। उच्चाधिकारी मामला दवाने में लगे हैं साथ ही पॉजिटिव ब्यक्ति लगभग 30 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद रामनगर के ग्रामीण क्षेत्र मालधन कैसे पहुँचा ? आते समय रास्ते मे पॉजिटिव ब्यक्ति कितने लोगों के सम्पर्क में आया इसका डाटा पुलिस कैसे जुटाएगी ? कैसी हैं क्वारंटाइन सेंटर की सुरक्षा जो दिन दिहाड़े पॉजिटिव मरीज फरार हो गया ? जिन कर्मचारियों की ड्यूटी समसारा क्वारंटाइन सेंटर छोई में लगाई गई हैं वो उसमे लापरवाही कर रहे हैं। क्या उनके ऊपर कार्यवाही नही होनी चाहिए?
कुछ दिन पहले भी छोई स्थित समसारा क्वारंटाइन सेंटर में एक ब्यक्ति ने फाँसी लगा कर आत्महत्या करने का प्रयास किया था जिसको ड्यूटी पर मौजूद कांस्टेबल ने बड़ी मस्कत के बाद बचा लिया गया था। आखिर समसारा क्वारंटाइन सेंटर में ऐसा क्या चल रहा हैं कि लगातार एक के बाद एक ऐसे प्रकरण सामने आ रहे हैं।
मामला दो दिन पुराना बृहस्पतिवार समय लगभग 12 बजे का है जब कोरोना पॉजिटिव रामनगर से लगभग 30 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र में अपने घर पहुँच गया था। जब इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को मिली तो पुलिस में हड़कंप मच गया वही ग्रामीण क्षेत्र में भी दहशत का माहौल बन गया। स्थानीय पुलिस ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए तुरंत जा कर कोरोना पॉजिटिव को घेर लिया और थोड़ी दूरी से उस पर निगरानी करने लगी। स्थानीय पुलिस के पास ऐसे इक्विपमेंट नही थे जिससे खुद को सुरक्षित रखते हुए उस पॉजिटिव को पकड़कर क्वारंटाइन सेंटर पहुँचा सके। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय पुलिस ने इसकी सूचना अपने उच्चधिकारियों को दी जिसके बाद रामनगर प्रशासन द्वारा किसी संस्था की हायर की गई एम्बुलेंस को ग्रामीण क्षेत्र में दो पीपीई किट के साथ भेजा जिसके बाद पॉजिटिव ब्यक्ति को क्वारंटाइन सेंटर ले जाया गया।
इस पूरे मामले में कुछ गम्भीर सवाल भी खड़े होते है? इस पूरे मामले को पुलिस ने अपनी किरकरी ओर नाकामी को छुपाने के लिए अभी तक दबा कर रख्खा हैं ये क्षेत्रीय जनता की ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ नही तो और क्या है, ओर ये खिलवाल पुलिस ही जनता के साथ कर रही है पॉजिटिव ब्यक्ति 30 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद रामनगर के ग्रामीण क्षेत्र में पहुँचा हैं रास्ते मे कितने लोगों के सम्पर्क में आया हैं इसका डाटा पुलिस कैसे जुटेगी। जो पुलिस अपने नाकामी ओर किरकिरी छुपाने के लिए इस गम्भीर प्रकरण पे पर्दा डालने में लगी हैं क्या वो पॉजिटिव ब्यक्ति के संपर्क में आये आम आदमी को चिन्हित करने की मशक्कत करेगी ? जिन पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों ने अपनी जान पर खेल कर उस पॉजिटिव ब्यक्ति को पकड़ा हैं उनका मनोबल उच्चधिकारियों को बढ़ाना चाहिए था। लेकिन इस प्रकरण को दबाने का जुनून अधिकारियो को किस काडर चढ़ चुका हैं इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता हैं कि जब ग्रामीणों ने पॉजिटिव ब्यक्ति को पकड़ने की वीडियो हमारे संवाददाता को भेजी तो उसके बाद से लगातार बयान के लिए पुलिस क्षेत्राधिकारी व कोतवाल रामनगर से दो दिन लगातार फ़ोन व ऑफिस में जाकर सम्पर्क करने की कोशिश की लेकिन अधिकारी इस प्रकरण में बयान देने से कतराते रहे अगर ये वीडियो मौके पर देख रहे ग्रामीण नही बनाते तो ये मामला पुलिस अपनी साख बचाने के लिए यही दफन कर देती।
जबकि लॉक डाउन होने के बाद DGP(लॉ एंड ऑर्डर) ने एक आदेश जारी किया था कि जो भी कोरोना पॉजिटिव पाया जाता हैं और वो अपनी पहचान छुपाता हैं या प्रशासन से छूटकर भागता हैं तो उसके ऊपर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया जायेगा। कोतवाल व पुलिस क्षेत्राधिकारी के संज्ञान में ये मामला होने के बाद भी इस मामले को जानबूझकर क्यों दबाया जा रहा हैं आम जनता की ज़िन्दगी के साथ पुलिस खिलवाड़ क्यो कर रही हैं ये तो जाँच का विषय हैं लेकिन यहाँ तो पुलिस ही कानून की धज्जियां उड़ा रही हैं अब उसपर जाँच ओर कार्यवाही कोन करेगा ? क्या कानून सिर्फ गरीब, मजलूम, बेसहारा ओर निचले तबके के लिए ही बना है!
समसारा से भागने वाले कोरोना पॉजिटिव ब्यक्ति के खिलाफ एफ आई आर दर्ज हुई हैं या नही इसकी जानकारी नही लग पाई हैं।
अंत मे उन पुलिस कर्मियों/स्वास्थ विभाग के लोगों को भी सलाम जिनहुने अपनी परवाह न करते हुए दिलेरी से उसे काबू में किया ,जो आप एक्सक्लूसिव वीडियो में खुद देख सकते है
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