पन्तनगर रैगिंग मुद्दा, मात्र एक हज़ार का जुर्माना लगाकर ईति-श्री।

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उधमसिंह नगर पन्तनगर(GKM न्यूज़ विकास वर्मा) पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय में रैगिंग का मामला सामने आया है। जहाँ पर कुछ सीनियर छात्रो द्वारा जूनियर छात्रो के कपड़े उतरवा कर अभद्रता की गई। मामले की शिकायत के बाद दो वार्डनों के खिलाफ छात्रो पर दबाव बनाने को लेकर उनको हटा दिया गया है। जबकि आरोपी छात्रों पर एक हजार रुपये जुर्माना लगाते हुए लिखित में माफी नाम लिया गया है।

देश ही नही विदेशों में विख्यात पन्तनगर कृषि विश्विद्यालय में रैगिंग का मामला प्रकाश में आया है। जिसमे सेकेंडियर के छात्रों द्वारा जूनियर छात्रो संग रैगिंग की बात सामने आई है। मामला एक माह पुराना बताया जा रहा है। 12 अक्टूबर को चितरंजन भवन-1 छात्रावास में राष्ट्रीय सेवा योजना कैंप का आयोजन किया गया था। इसी दौरान नेहरू भवन के कृषि स्नातक में प्रथम वर्ष के आठ-दस नए छात्रों की सेकेंडियर के सीनियर्स छात्रो द्वारा रैगिंग लेना शुरू कर दिया। रैगिंग में इन छात्रों को पैंट उतरवा कर परेड करने के लिए मजबूर किया गया। शाम को एक बार फिर से सीनियर्स छात्रो ने पीडि़त सभी छात्रों को नेहरू भवन के वाईएलएन-1 कक्ष में बुलाकर कमरा बंद कर उनके कपड़े उतरवा कर खूब अभद्रता करते हुए जम कर गाली गलौच भी की।

घटना की जानकारी पीड़ित छात्रों द्वारा परिजनों को दी गयी। जिसके बाद छात्रों और परिजनों ने इस मामले की शिकायत अधिष्ठाता छात्र कल्याण सहित कुलपति से की। मामले को गम्भीरता से लेते हुए 21 अक्टूबर को विश्वविद्यालय अनुशासन समिति (यूडीसी) की गयी जिसमे पीड़ित छात्रों ने अधिकारियों को आपबीती सुनाई। जिसके बाद प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही में नेहरू और चितरंजन भवन-1 के वार्डन्स को तत्काल प्रभाव से हटा दिया, साथ ही आरोपी छात्रों के खिलाफ एक हजार रुपये का जुर्माना ओर लिखित माफी नामा लिखाया गया है।

वही विश्विद्यालय के डीएसडब्लू (अधिष्ठाता छात्र कल्याण)डॉ. सलिल तिवारी ने बताया कि मामला रैगिंग का नही बल्कि जूनियर्स-सीनियर्स के बीच इंट्रोक्शन का मामला पाया गया था। मामला कालेज का था, जिसे छात्रावास में बताते हुए शिकायत की गई थी। यूडीसी के समक्ष छात्रों ने वार्डन्स के आपसी झगड़े के बीच बनाए गए दबाव में शिकायत करने की बात कुबूल की थी जिस पर टीम द्वारा आरोपी चारो छात्रो पर एक हजार रूपए प्रति जुर्माना लगाया है। साथ ही भविष्य में इस तरह की हरकत ना करने की सख्त हिदायत देते हुए लिखित में माफी नाम लिया गया है। यही नही दबाव बनाने वाले दोनों वार्डन्स को पदमुक्त भी किया जा चूका है।

बयान- डॉ. सलिल तिवारी — डीएसडब्लू,
पंतनगर विश्विद्यालय

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