जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल अब मीडिया से फीता लेकर केदारनाथ धाम की दूरी नपवायेंगे।

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रिपोर्ट: कुलदीप राणा आजाद/रूद्रप्रयाग 
रूद्रप्रयाग में अब पत्रकार फीता लेकर केदारनाथ जाने वाले पैदल रास्ते की दूरी नापने का काम करेंगे। यह हम नहीं रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है। दरअसल विश्व प्रसिद्ध तीर्थ श्री केदारनाथ की यात्रा आरम्भ हो गई है लेकिन गौरीकुण्ड से केदारनाथ तक जाने वाले पैदल रास्ते की सही दूरी की जानकारी न तो प्रशासन को है और न स्थानीय लोगों और न ही किसी यात्री को। इसका कारण यह है कि जिला प्रशासन द्वारा लगाये गए साईन बोर्ड में अलग-अलग दूरियां दर्शाई गई हैं। गौरीकुण्ड में बीआरओ द्वारा लगाये गए एक साइन बोर्ड में केदारनाथ जाने वाले पैदल रास्ते की दूरी 10 किमी दर्शाई गई है। जबकि विधित हो कि वर्ष 2013 के प्राकृतिक विध्वंस के बाद जो पूर्व में 14 किमी पैदल रास्ता था वह ध्वस्त हो गया था। उसके बाद मंदाकिनी नदी के दूसरे छोर से नये रास्ते का निर्माण किया गया जिसके बाद इस रास्ते की दूरी बढ़ गई थी। अब यह दूरी  कितनी बढ़ी यह आजतक जिला प्रशासन तय नहीं कर पाया। लेकिन जब एक पत्रकार ने इस मुद्दे को जिला प्रशासन और मीडिया व्हाट्सएप ग्रुप में उठाया तो जिलाधिकारी का कहना था कि वे खुद फीता लेकर जायें और केदारनाथ पैदल मार्ग की दूरी तय करें। हालांकि जिलाधिकारी ने यह भी स्वीकार किया की साइन बोर्ड पर दर्शाई गई दूरी गलत है और इस बोर्ड को तत्काल हटाया जायेगा।केदारनाथ धाम की दूरी अलग अलग दर्शाना यात्रों को गुमराह तो कर रहा हैं लेकिन प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी जिलाधिकारी द्वारा मीडिया इस तरह के शब्दों का उच्चारण करना  कितना न्याय संगत है यह आसानी से समझा जा सकता है।

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