उज्वला है तो उजाला तो होगा,

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रानीखेत[ जी के एम् न्यूज़ ] में “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” की थीम पर मोटर साईकिल से लेह-लद्दाख की साहसिक यात्रा पूरी करने वाली चैाबटिया की एमबीए छात्रा उज्जवला सती को प्रशासन की ओर से जीजीआईसी स्कूल में भव्य सम्मान समारोह के दौरान सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि करन माहरा, संयुक्त मजिस्ट्रेट नरेन्द्र भण्डारी, बाईकर्स उज्जवला सती व विद्यालय की प्रधानाचार्या नीलम नेगी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। दिल्ली से बाईक द्वारा लेह-लद्दाख तक दुर्गम यात्रा व साहसिक सफर के लिए उज्जवला को समृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रशासन की ओर से बेबी किड्स भी वितरित किए गए। इस दौरान प्रशासन द्वारा रानीखेत से झूला देवी मंदिर तक एक महिलाओं की बाईक और स्कूटी रैली निकाली गई। जिसमें क्षे़त्रीय महिलाओं सहित सेना की 15 गढ़वाल की महिलाओं ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। 
बता दें कि उज्जवला ने 8 जून को दिल्ली से अपना सफर शुरू किया और 21 जून को वापस दिल्ली पहुॅची। उन्होंनंे दिल्ली से लेह-लद्दाख तक 3000 किलोमीटर की यात्रा 13 दिन में पूरी की। उज्जवला ने 13 दिन की दुर्गम यात्रा पूरी कर बुलंद हौसलों की मिसाल पेश की है। 
उज्ज्वला ने कहा कि उन्होंने महिला ग्रुप हिमालयन आइबेक्स की अपनी पांच महिला साथियों के साथ दुनिया के सबसे ऊॅचे मोटरेबल दर्रे खारदुंगला को भी पार किया। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य नारी शक्ति की पहचान बढ़ाना व समाज में बेटी-बचाओ बेटी-पढ़ाओ का सन्देश देना था।

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