अस्पतालों का मंहगा ईलाज कर रहा झोलछाप डाक्टरों की बल्ले-बल्ले…

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उधमसिंह नगर काशीपुर (GKM न्यूज़ अज़हर मलिक) धरती पर भगवान के रूप में डॉक्टरों को माना जाता है लेकिन कुछ लोग धरती के भगवान को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। जिसका नतीजा है कि क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार देखने को मिल रही है। जिसका मुख्य कारण सरकारी अस्पताल में व्यवस्थाओं की कमी और निजी अस्पतालों में महंगा इलाज है।

जिसके चलते मजबूरन गरीब लोगों को झोलाछाप डॉक्टरों की शरण में जाना पड़ता है। जिसका झोलाछाप डॉक्टर भरपूर फायदा उठा रहे हैं और लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। वही स्वास्थ्य विभाग भी इन झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्यवाही करता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। जिससे प्रतीत होता है की स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्यवाही करने के लिए किसी शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं। देखिये यह खास रिपोर्ट….

प्रदेश में जिस विभाग की डोर खुद मुखिया के हाथ मे हो तो वह विभाग कितना चुस्त होगा यह आप जानते है, लेकिन उत्तराखंड में इसके विपरीत दिकहि दे रहा है। जहाँ प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के हाथ मे स्वास्थ्य विभाग की डोर है, लेकिन डोर की पकड़ ढीली होती दिख रही है। आलम यह है कि जनपद उधम सिंह नगर में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी धरातल पर काम करते दिखाई नही देते है। जिसका नतीजा है कि क्षेत्र में झोलाछाप डाक्टरों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यह झोलाछाप डॉक्टर अपनी जेब भरने के लिए लोगो की जान के साथ खेलने से भी पीछे नही हटते है।

यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रो में कई लोग लंबी बीमारी के चलते मोत की नींद सो जाते है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग आखें मूंदे बैठा है। विभाग की अनदेखी के कारण झोलाछाप डाक्टर चादी काट रहे है। गांव के साथ शहर में कई-कई झोलाछाप डाक्टर लोगों को दवाएं दे अपनी जेब गर्म कर रहे हैं। यह धधा इतना मुनाफे वाला हो गया है कि लोग धड़ल्ले से इस व्यवसाय में एंट्री कर रहे है। क्षेत्र में इस प्रकार के झोलाछाप डाक्टर सरेआम क्लीनिक चलाकर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं।

जब झोलाछाप डॉक्टरों की तलाश की गई तो क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में फर्जी क्लिनिक निकलकर सामने आए। जब इन झोलाछाप डॉक्टरों से बात की गई तो इनका कहना है कि डिग्री नही है और आजकल दुकानदारी कम चल रही है। वही दूसरे फर्जी डॉक्टर से बात की गई तो उसके द्वारा बताया गया की डिग्री तो कोई नहीं और ना ही हम कोई सीरियस मरीज को देखते हैं बस हल्का फुल्का दर्द खांसी जुकाम बुखार देख लेते हैं।

वही जब नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अमरजीत सिंह झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा फर्जी डॉक्टरों पर कार्यवाही के लिए विगत माह में आदेश आये थे। लेकिन चुनाव ओर डेंगू के मरीजो के चलते कार्यवाही नही हो सकी। उन्होंने बताया कि टीम का गठन कर लिया गया है और एक दर्जन से अधिक क्लीनिकों को चिन्हित कर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि कई लोगो के पास डिग्री नही है और लोगो की जिंदगी से खिलवाड़ कर मोटी कमाई कर रहे है। उन्होंने कहा कि इनके खिलाफ जल्द ही कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

बयान: डॉ अमरजीत सिंह ………….नगर स्वास्थ्य अधिकारी

फिलहाल फर्जी डॉक्टरों में भी अलग-अलग कैटेगरी के डॉक्टर मिल जाएंगे कोई होम्योपैथिक का कोई जड़ी बूटियों का डॉक्टर तो कोई देसी दवाइयों का डॉक्टर बना बैठा है और स्वास्थ्य विभाग को जानकारी होने के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग ऐसे डॉक्टर के क्लीनिक को बंद कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाते। आखिर क्या कारण है जो स्वास्थ्य विभाग इन फर्जी क्लीनिकों के खिलाफ कार्यवाही नही कर रहा है। क्या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है।

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