उत्तरकाशी: द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) चोटी पर हुए हिमस्खलन (एवलांच) की चपेट में आकर क्रेवास में दबे नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के 29 प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की खोज के लिए आज गुरुवार को भी खोज अभियान चलाया जा रहा है। निम और एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम ने गुरुवार को 13 और शव निकाले। अबतक कुल संख्या 16 पहुंच गई है। वहीं मौसम खबरा होने के चलते रेस्क्यू रोका गया। 13 प्रशिक्षु पर्वतारोही अभी लापता हैं।
रिकवर शवों को शुक्रवार को मातली हेलीपैड पर पहुंचाया जाएगा
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के रजिस्ट्रार विशाल रंजन ने कहा कि जो शव बरामद हुए हैं, सभी को बेस कैंप में लाया जा रहा है। मौसम अनुकूल होने पर रिकवर किए गए शवों को शुक्रवार को हैलीकाप्टर के जरिए मातली हेलीपैड पहुंचाया जाएगा। वर्तमान समय में द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में हल्की बर्फबारी हो रही है जिसके कारण रेस्क्यू अभियान फिलहाल रोका गया है।
गुलमर्ग की पहुंची रेस्क्यू टीम
हिमस्खलन में लापता हुए प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के बचाव के लिए जम्मू कश्मीर के हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग की रेस्क्यू टीम पहुंची है। इस टीम को द्रौपदी डांडा के बेस कैंप क्षेत्र में उतारा गया है।
अलबत्ता, उत्तराखंड पुलिस ने अपने टिवटर हैंडल पर मंगलवार से अब तक 10 शव बरामद होने की जानकारी दी है, लेकिन उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला, एसपी अर्पण यदुवंशी और निम के रजिस्ट्रार विशाल रंजन से बुधवार को और शव मिलने की जानकारी से इनकार किया। अब तक चार ही शव मिले हैं। उनके अनुसार वीरवार को फिर से खोज के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
बचाव कार्यों का लिया जायजा
इस बीच एवलांच में घायल एक प्रशिक्षक और पांच प्रशिक्षुओं को उत्तरकाशी पहुंचाया गया। उन्हें जिला अस्पताल में उपचार दिया जा रहा है। सीएम ने उत्तरकाशी पहुंचकर खोज एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया।
पर्वतारोहण कोर्स के लिए पहुंचा था दल
डोकराणी ग्लेशियर और द्रौपदी का डांडा में पर्वतारोहण का अभ्यास करने के लिए 23 सितंबर को बेसिक पर्वतारोहण कोर्स के लिए 97 प्रशिक्षु, एडवांस पर्वतारोहण कोर्स के लिए 44 प्रशिक्षुओं और निम के प्रशिक्षकों सहित 175 सदस्यीय दल बेस कैंप पहुंचा था।
मंगलवार सुबह हिमस्खलन की चपेट में आया दल
इनमें एडवांस पर्वतारोहण कोर्स के 34 प्रशिक्षु पर्वतारोही, निम के सात प्रशिक्षक और एक नर्सिंग स्टाफ (42 सदस्य ) मंगलवार सुबह द्रौपदी का डांडा चोटी के आरोहण के लिए रवाना हुआ। दल आरोहण स्थल से लगभग 100 मीटर पहले हिमस्खलन की चपेट में आ गया।
50 मीटर गहरे क्रेवास में गिरे सदस्य
दल के 37 सदस्य 50 मीटर गहरे क्रेवास (ग्लेशियरों के बीच की बड़ी दरार) में जा गिरे। दल के सबसे पीछे चल रहे चार प्रशिक्षक और एक नर्सिंग स्टाफ सुरक्षित बच गए, जबकि इनसे कुछ आगे चल रहा एक प्रशिक्षक घायल हो गया। दल में प्रशिक्षक के रूप में गई एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल समेत चार के शव और छह घायलों को मंगलवार को निकाल लिया गया था, दल के 27 अन्य सदस्य लापता हैं।
खोज बचाव अभियान चलाया
बुधवार की सुबह मौसम अनुकूल होने पर बेस कैंप में रुकी राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की खोज बचाव टीम घटना स्थल के लिए रवाना हुई तथा दिन भर खोज बचाव अभियान चलाया।
छह घायलों सहित 15 लोगों को किया रेस्क्यू
वायु सेना की टीम ने भी चीता हेलीकाप्टर से घटना स्थल की रेकी की। देर शाम तक क्रेवास में दबे 27 प्रशिक्षु पर्वतारोहियों को नहीं निकाला जा सकता। बेस कैंप से छह घायलों सहित 15 लोगों को रेस्क्यू किया गया। बेसिक कोर्स के प्रशिक्षुओं और बेस कैंप में ठहरे एडवांस कोर्स के 130 प्रशिक्षुओं को पैदल मार्ग से उत्तरकाशी के लिए रवाना किया गया।
वर्षा के रेड अलर्ट के बीच पर्वतारोहण-ट्रेकिंग पर पाबंदी
उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम के तेवर बदल गए हैं। प्रदेश में मानसून की विदाई से पहले भारी वर्षा के आसार हैं। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन भारी से अत्यंत भारी वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है।
- इस दौरान पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। जिसे देखते हुए पर्वतीय जिलों में पर्वतारोहण और ट्रेकिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही ट्रेकिंग व पर्वतारोहण पर गए व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया जा रहा है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, उत्तराखंड में गुरुवार से तीन दिन भारी वर्षा के आसार हैं। छह और आठ अक्टूबर को भारी से भारी वर्षा को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि, सात अक्टूबर को कहीं-कहीं अत्यंत भारी वर्षा हो सकती है। जिसे लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है।
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