उत्तराखंड के जनपद उत्तरकाशी में बन रही टनल में रविवार सुबह हुई दुर्घटना के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है। सुरंग में चल रहे बचाव अभियान के बारे में लोडर ऑपरेटर मृत्युंजय कुमार ने बताया कि टीम खुदाई करने वाले उपकरणों और भारी मशीनों की मदद से मलबे को हटा रही है। यह भी बताया गया कि मजदूरों से वॉकी-टाकी के जरिए बात भी हुई है। पानी वाले पाइप के जरिए ऑक्सीजन और खाने की सप्लाई हो रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से हादसे पर बात की है। उन्होंने राहत और बचाव कार्य की जानकारी ली।
टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए मलवा हटाने का कार्य निरंतर जारी है, मलवा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है। वॉकी-टॉकी के थ्रू टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क हुआ हैं। फिलहाल सभी मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं ।टनल में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है । इसी पाइपलाइन के जरिए रात में चने के पैकेट कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे श्रमिकों तक भेजे गए हैं।
मलबा हटाने का काम चल रहा है। लोडर और खुदाई करने वाले उपकरणों से मलबा हटाया जा रहा है। सुरंग का लगभग 30-35 मीटर का हिस्सा ढह गया है। यह घटना सुबह करीब 5:30 बजे हुई थी। हमारे पास लगभग 40-45 लोगों के फंसे होने की जानकारी है। सभी सुरक्षित हैं।
‘एसडीआरएफ टीम बचाव अभियान का नेतृत्व कर रही है। इससे पहले दिन में, उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने जानकारी देते हुए कहा था कि प्रशासन की प्राथमिकता सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को बाहर निकालना है। उन्होंने बताया कि बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। डीएम ने जिले के सभी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। साथ ही निर्देश दिया कि वे तत्काल अपने-अपने कार्यस्थलों पर रिपोर्ट करें और राहत और बचाव कार्यों के लिए चौबीसों घंटे तैयार रहें।जिलाधिकारी ने कहा की सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए राहत और बचाव कार्यों को युद्ध स्तर पर संचालित किया जा रहा है। प्रशासन के द्वारा विभिन्न राहत और बचाव एजेंसियों और तकनीकी संगठनों तथा एनएचआईडीसीएल का सहयोग लेकर के बचाव अभियान संचालित किया जा रहा है।
सिल्कियारा में निर्माणाधीन टनल के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान तेजी से जारी है फंसे हुए मजदूर तक पानी के लिए बिछाए गए पाइप के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। सुरंग से मलवा हटाने और फंसे मजदूरों को निकालने के लिए एस्केप पैसेज बनाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल सिंह, उप जिलाधिकारी डुंडा बृजेश कुमार तिवारी,उप जिलधिकारी बड़कोट मुकेश चंद रमोला घटना स्थल पर मौजूद हैं।
उत्तरकाशी के एसपी अर्पण यादववंशी के अनुसार, ब्रह्मखाल-पोल्गांव में सिल्कीयारा से दंडालगांव को जोड़ने वाली निर्माणाधीन सुरंग के एक हिस्से के शनिवार रात को ढहने की सूचना मिली थी। सुरंग का एक हिस्सा सिल्कीयारा की तरफ ब्रह्मखाल से करीब 200 मीटर आगे टूट गया। यादववंशी ने कहा कि हाइड्रोइलेक्ट्रिक इन्वेस्टमेंट एंड डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (एचआईडीसीएल) के अधिकारियों ने बताया कि 36 लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। उन्हें सुरक्षित निकालने के प्रयास जारी हैं। एचआईडीसीएल को ही सुरंग बनाने का ठेका दिया गया है।एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘सुरंग खोलने के प्रयास जारी हैं। सुरंग के अंदर से मलबा हटाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है।
एसडीआरएफ और पुलिस की एक टीम चल रहे बचाव कार्यों की जिम्मेदारी संभाल रही है। सुरंग ढहने की सूचना जिला नियंत्रण कक्ष, उत्तरकाशी में मिली, जिसमें कॉलर ने एसडीआरएफ टीम की मदद मांगी थी। सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसडीआरएफ कमांडर मणिकांत मिश्रा ने आवश्यक बचाव उपकरणों के साथ इंस्पेक्टर जगदंबा विजलवान के नेतृत्व में एक बचाव दल को मौके पर रवाना किया था। उन्होंने कहा, ‘मौके पर पहुंचने के बाद, एसडीआरएफ कर्मियों ने अन्य बचाव दलों के समन्वय में युद्धस्तर पर राहत और बचाव अभियान शुरू कर दिया था।
टनल में फंसे मजदूरों का विवरण
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