परिवहन निगम ने 84 कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए नोटिस का प्रारूप जारी किया गया है। दस साल के कार्यकाल का संज्ञान लिया जाएगा। केवल बस हादसे में अक्षम होने वाले कर्मचारियों को ही राहत दी गई है।
उत्तराखंड परिवहन निगम का कहना है कि अगर किसी अक्षम कर्मचारी ने तीन माह के भीतर सेवानिवृत्ति न ली तो उन्हें जबरन रिटायर समझा जाएगा। अक्षम कर्मचारियों को जबरन रिटायर करने के लिए आयोग ने नोटिस का प्रारूप जारी किया है।
दरअसल, परिवहन निगम ने देहरादून, काठगोदाम व टनकपुर मंडल के 84 अक्षम कर्मचारियों को जबरन रिटायर करने का आदेश जारी किया है। इनमें रोडवेज के ड्राईवर, कंडक्टर शामिल हैं। निगम ने उन कर्मचारियों को इस दायरे से बाहर रखा है जो कि रोडवेज बस हादसे पर ड्यूटी के दौरान अक्षम हुए थे। बाकी कर्मचारियों के पिछले दस साल की सेवाओं के विवरण के साथ ही उनके किलोमीटर का ब्योरा भी जबरन रिटायरमेंट का आधार बनेगा।
परिवहन निगम के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन की ओर से जारी किए गए सीआरएस नोटिस के प्रारूप में इसका जिक्र होगा। साथ ही यह भी साफ किया गया है कि सभी कर्मचारियों को तीन महीने में सेवानिवृत्त होने का नोटिस दिया जाएगा। अगर उन्होंने सेवानिवृत्ति का आवेदन न किया तो उत्तराखंड परिवहन निगम (अधिकारियों से भिन्न) सेवा नियमावली 2015 के विनियम-37 के तहत सभी कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर दिया जाएगा।
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