उत्तराखंड : गला दबाया_तरस भी ना आया,खुदकुशी बताने वाले बेटे ने अपनी ही मां को मार दिया..

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उत्तराखंड के देहरादून से बड़ा हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है इसके बाद लोग सोचने को मजबूर है कि क्या औलाद भी ऐसा कर सकती है।बेटे ने मां की हत्या कर खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। हादसे के बाद से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैली हुई है। मां की हत्या को सुसाइड बताकर आरोपी खुद को बचाने की कोशिश कर रहा था।

देहरादून के प्रेमनगर में एक बेटे ने मां की हत्या कर दी। चंद्रा देवी अपने बेटे और पति के साथ प्रेमनगर स्पेशल विंग में थीं। हत्याकांड के बाद से क्षेत्र में सनसनी फैली है।शुक्रवार देर रात बेटे अजय से चंद्रा देवी की बहस हुई थी। बहस के बीच बेटे अजय ने मां की गला दबाकर कर दी हत्या। इसके बाद सुबह अपने बड़े भाई को सूचना दी कि मां ने सुसाइड कर लिया है।

बेटे को विश्वास नहीं हुआ। उसने पिता को बताया। पिता के सूचना पर पुलिस ने आरोपी अजय को गिरफतार कर लिया।पूछताछ में पता चला कि अजय को अल्सर की बीमारी थी। उसने इंटरनेट पर देखा की अल्सर स्लो पॉयजन से होता है। रात को उसने मां से बहस शुरू कर दी और फिर हत्या कर डाली।

वारदात कैसे हुई … ?

इंटरनेट पर अधूरा ज्ञान लेकर गलतफहमी पाले एक युवक ने अपनी मां को ही मौत के घाट उतार दिया। खुद को बचाने के लिए वह बाद में मां की हत्या को आत्महत्या बताने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसका झूठ ज्यादा देर टिक नहीं पाया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। न्यायालय के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया है।

आरोपी अल्सर से बीमार था जिसके बारे में उसने इंटरनेट पर देखा था कि यह बीमारी धीमे जहर से होती है। यही शक उसने मां पर किया और रात में बहस करने लगा। इसी बहस के बीच आरोपी बेटे ने मां का गला दबा दिया। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि चंद्रा देवी (52 वर्ष) स्पेशल विंग प्रेमनगर में अपने पति व छोटे बेटे अजय सिंह बिष्ट के साथ रहती थीं।

चंद्रा देवी के पति माधो सिंह सेना से सेवानिवृत्त होकर वर्तमान में डीएसपी आर्मी में आईएमए में नौकरी करते हैं। उनका बड़ा बेटा बड़ोदरा (गुजरात) में सेना में ही नौकरी करता है। माधो सिंह शुक्रवार रात को रोज की तरह ड्यूटी चले गए थे। रात के समय चंद्रा देवी और अजय बिष्ट ही घर पर अकेले थे। अजय बिष्ट ने शनिवार तड़के अपने बड़े भाई मोहित को गुजरात में फोन किया और कहा कि मां ने आत्महत्या कर ली है। यह जानकारी मोहित ने अपने पिता माधो सिंह को दी। कहा कि उसे अजय की बात पर विश्वास नहीं हो रहा है।

माधो सिंह सुबह करीब छह बजे घर पहुंचे तो देखा कि चंद्रा देवी बिस्तर पर लेटी हुई थीं। पास में अजय खड़ा हुआ था। अजय से पूछा तो वह इधर उधर की बातें करने लगा। इस पर माधो सिंह बिना देर किए प्रेमनगर थाने पहुंच गए। उन्होंने सारा घटनाक्रम बताया तो एसओ गिरीश नेगी टीम के साथ माधो सिंह के घर पहुंचे।

यहां पर अजय सिंह से पूछताछ की तो उसने रात का सारा घटनाक्रम पुलिस को बता दिया। उसने पुलिस को बताया कि वह अल्सरेटिव कोलाइटिस नाम की बीमारी से ग्रसित है। उसने कुछ दिन पहले इंटरनेट पर पढ़ा था कि यह बीमारी धीमे जहर का सेवन करने से भी होती है। ऐसे में उसने सोचा कि खाना तो वह मां के हाथ का बना खाता है। लिहाजा उसने मां पर जहर देने का शक किया।

वह शुक्रवार रात को मां से यही बात कर रहा था। मां चंद्रा देवी ने इन सब बातों से इन्कार किया। काफी देर तक उसकी मां से बहस हुई। रात करीब 10.30 बजे वह बाहर की ओर जाने लगा। इस पर मां ने उसे बाहर जाने से रोका तो उसने आपा खो दिया और मां का गला दबा दिया। कुछ देर बाद उसे अहसास हुआ कि मां की मौत हो चुकी है तो उसने इसे आत्महत्या बताने को अपने बड़े भाई को फोन कर दिया। एसएसपी ने बताया कि चंद्रा देवी के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।

पुलिस के अनुसार अजय ने एमएससी तक पढ़ाई की है। वह कुछ दिन पहले ही अपने गृह जनपद चंपावत के गांव कलाल से देहरादून आया था। इस वक्त वह बैंकिंग की तैयारी कर रहा था। जहां तक बीमारी की बात है तो उसका कई जगह इलाज होना भी बताया जा रहा है।

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