उत्तराखंड शिक्षा महानिदेशक, झरना कमठान ने स्कूली बच्चों की शैक्षिक यात्राओं के दौरान सुरक्षा को लेकर कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में विभागीय अधिकारियों को अलर्ट किया गया है कि शैक्षिक यात्रा के दौरान बच्चों की मेडिकल हिस्ट्री सहित सभी आवश्यक जानकारी सुनिश्चित की जाए। साथ ही, यात्रा में बच्चों के साथ जाने वाला शिक्षक या प्रतिनिधि प्राथमिक चिकित्सा और सीपीआर में प्रशिक्षित होना चाहिए, और यात्रा के दौरान फर्स्ट एड बॉक्स उपलब्ध हो।
महत्वपूर्ण सुरक्षा उपायों में अभिभावकों से लिखित सहमति प्राप्त करना और उन्हें सुरक्षा उपायों से अवगत कराना अनिवार्य किया गया है। यात्रा में बच्चों के संपर्क में रहने के लिए उचित व्यवस्थाएं करनी होंगी, और यात्रा में उपयोग किए जा रहे वाहनों की आरटीओ जांच भी जरूरी है।
कमठान ने बताया कि शैक्षिक यात्रा के दौरान नदी-नालों से बच्चों को दूर रखा जाएगा, और महिला शिक्षिका का होना छात्राओं के लिए अनिवार्य होगा। इसके अलावा, वाहन चालक और परिचालक पर नजर रखी जाएगी, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्होंने नशीले पदार्थों का सेवन नहीं किया हो।
यात्रा के दौरान बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी, और सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, जैसा कि उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से विभाग को पत्र प्राप्त होने के बाद ये निर्देश जारी किए गए हैं।
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