उत्तराखंड वन विभाग से बड़ी खबर आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के फैसले पर लगाया स्टे. वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी विनोद सिंघल के हाथ में फिर से उत्तराखंड वन विभाग की कमान । सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद IFS विनोद सिंघल को प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) पद पर दोबारा चार्ज संभालेंगे , फिलहाल अभी इसको को लेकर अभी कोई सूचना नहीं दी गई है.
उत्तराखंड वन विभाग में हाईकोर्ट के आदेश पर पीसीसीएफ की कुर्सी से हटे विनोद कुमार सिंघल को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। अब सिंघल की एक बार फिर हॉफ की कुर्सी पर ताजपोशी तय मानी जा रही है। कोर्ट के फैसले से पीसीसीएफ राजीव भरतरी को झटका लगा है।
अभी इस मामले में शासन का रुख स्पष्ट होना बाकी है। एक सप्ताह पूर्व जब हाईकोर्ट का फैसला पीसीसीएफ राजीव भरतरी के पक्ष में आया था, तब भी शासन का रुख स्पष्ट होने के बाद ही भरतरी हॉफ की कुर्सी पर बैठ पाए थे। बताते चलें कि एक चार अप्रैल को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पीसीसीएफ राजीव भरतरी के पक्ष में फैसला देते हुए अगले ही दिन उन्होंने हॉफ का चार्ज संभालने के आदेश दिए थे। अगले दिन पांच अप्रैल का सरकारी अवकाश होने के बावजूद भरतरी ने चार्ज संभाला था।
जानिए क्या है पूरा मामला
उत्तराखंड सरकार ने 25 नवंबर 2021 को दो विभागों के अध्यक्षों का फेरबदल किया.सरकार ने आईएफएस राजीव भरतरी का को प्रमुख वन संरक्षक पद से अध्यक्ष जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष पद पर स्थानांतरण किया. उनके स्थान पर विनोद कुमार सिंघल को प्रमुख वन संरक्षक नियुक्त किया गया. अधिकारी राजीव भरतरी ने सरकार को इस संबंध में चार प्रत्यावेदन दिए. लेकिन सरकार ने उनकी काई सुनवाई नहीं की. उनका कहना था कि मेरा स्थानांतरण राजनीतिक कारणों से किया गया है. उन्होंने इसको अपने सांविधानिक अधिकारों का उल्लंघन माना.केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के न्यायाधीश ओम प्रकाश की एकलपीठ ने 24 फरवरी को पीसीसीएफ पद से राजीव भरतरी को हटाने के आदेश को निरस्त कर दिया था.
इतना सब होने के बाद सरकार कहां चुप बैठने वाली थी. सरकार ने इसके खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि महत्वपूर्ण पदों पर अधिकारियों की तैनाती सरकार का विशेषाधिकार है.कार्ट ने प्रमुख वन संरक्षक पद (हॉफ) पर राजीव भरतरी की नियुक्ति के अपने 24 फरवरी के आदेश को सही ठहराया था और सरकार के तर्क को अस्वीकार करते हुए पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया.
इसके बाद हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पीसीसीएफ विनोद कुमार सिंघल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिस पर सोमवार को कोर्ट ने उन्हें स्टे दे दिया। उधर, सचिव (वन) विजय यादव ने कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जानकारी नहीं हैं। आदेश की प्रति प्राप्त होने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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