उत्तराखंड :गजब मामला- यहां पकड़ी गई फर्ज़ी महिला अधिकारी, जॉइनिंग के बाद छुट्टी..

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उत्तराखंड के चंपावत से फर्जीवाड़े का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां पर महिला शक्ति करण एवं बाल विकास विभाग की एक फर्जी जिला परियोजना अधिकारी को पुलिस ने धर दबोचा है।
दरअसल किरन राणा नाम की एक फर्जी डीपीओ ने बाकायदा चंपावत के डीपीओ के पद पर जिला अधिकारी के माध्यम से जॉइनिंग ले ली। 19 तारीख को जॉइनिंग देने के बाद यह बाकायदा छुट्टी पर भी चली गई। जबकि इस पद पर पहले से ही राजेंद्र सिंह बिष्ट नाम के डीपीओ कार्यरत है।


इसका मामला तब खुला जब छुट्टी से लौटने के बाद वह ऑफिस आइए और बताया कि उसने  चंपावत के डीपीओ का चार्ज ले लिया है और छुट्टी से भी हो कर आ गई है।
अब चंपावत के डीपीओ का माथा ठनका। उन्होंने पूछ लिया कि वह कौन से बैच की ऑफिसर है! फर्जी अधिकारी ने बताया कि वह 2019 बैच की अधिकारी हैं।
राजेंद्र सिंह बिष्ट को पता था कि वर्ष 2016 के बाद तो कोई भी बैच पास आउट नहीं हुआ है। ऐसे मे यह डीपीओ कैसे 2019 बैच की हो गई ! बस यहीं से उन्होंने इसका पता लगाने की कोशिश की।

इस घटना का जब वहां से ट्रांसफर होकर आए राजेंद्र सिंह बिष्ट नाम के जिला परियोजना अधिकारी को पता चला तो उन्होंने अपने स्तर पर छानबीन कराई और शासन पर से पता किया तो पता चला कि इस नाम की कोई भी डीपीओ चंपावत नहीं भेजी गई है और ना ही इस नाम की कोई डीपीओ विभाग में कार्यरत है।


शासन की ओर से जारी नियुक्ति पत्र में उसने अपना गृह जनपद खटीमा उधम सिंह नगर बताया है।
बहरहाल शासन के अधिकारियों ने जिलाधिकारी से बात करके तत्काल इस पर कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिए।


इसके बाद जिले की सीमाएं सील कर दी गई और इस महिला को चंपावत जिले के चल्थी के पास पकड़ लिया गया।
बहरहाल यह महिला पुलिस कस्टडी में है। जांच जारी है।
आश्चर्य की बात यह है कि बाल विकास परियोजना अधिकारी जैसे जिला स्तरीय पदों पर भी फर्जी लोग धड़ल्ले से जॉइनिंग कर ले रहे हैं ।


उसके पास शासन से जारी एक फर्जी पत्र भी था।
इस डीपीओ ने जिले में 19 जुलाई को ज्वाइन किया है।
मजेदार बात यह है कि जोइनिंग लेने के बाद किरन राणा पुत्री कृपाल सिंह नाम की इस फर्जी डीपीओ ने कुछ दिनों की छुट्टी भी सैंक्शन करा दी और छुट्टी पर चली गई ।

इस तरीके का फर्जीवाड़ा और भी विभागों में हो सकता है। बड़े पैमाने पर शिक्षकों के फर्जीवाड़े तो आए दिन सामने आती ही हैं और अब फर्जीवाड़ा करने वालों ने बाल विकास विभाग को भी अपनी चपेट में लेने की कोशिश की है।
चंपावत के इंस्पेक्टर योगेश उपाध्याय ने बताया कि फिलहाल तहरीर का इंतजार किया जा रहा है और उसके बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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