उत्तराखंड में मानसून जहां पूरे प्रदेश में इस समय सक्रिय नजर आ रहा है, और जमकर बारिश भी कई जगहों पर देखने को मिल रही है, वही शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के द्वारा स्कूलों को एतिहात बरतने के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। क्या कुछ दिशानर्देश शिक्षा महानिदेशक के द्वारा जारी किए गए हैं आप बिंदुवार पढ़ सकते हैं।
1- – सम्बन्धित उप जिलाधिकारी/विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान की समीक्षा एवं विवेक पूर्ण निर्णय लेते हुए अतिवृष्टि आदि प्रतिकूल परिस्थितियों के दृष्टिगत स्थानीय आवश्यकतानुसार विकासखण्ड / जनपद के अवकाश हेतु मुख्य शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी के अनुमोदनोपरान्त तत्काल अवकाश तु निर्णय लिया जाये।
2 – बच्चों के निवास स्थान से विद्यालय आवगमन में नदी, नाले उफान में होने, बाढ़ व भूस्खलन की सम्भावना होने की स्थिति प्रतीत होती हो, तो उक्त क्षेत्र के छात्र छात्राओं हेतु ऑनलाइन शिक्षण सुविधा प्रदान करते हुए, विद्यालय में उपस्थिति की बाध्यता को शिथिल की जाये।
3 . विद्यालयों के जर्जर भवनों / कक्षों, आस-पास के परिवेश, विद्यालय के निकट भूस्खलन, जर्जर छत, किचन, जर्जर पेड़, विद्युत लाइन कनेक्शन स्विच बोर्ड आदि एवं अन्य शिक्षण स्थलों का समग्र रूप से अवलोकन करते हुए सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। जर्जर कक्षों में पठन-पाठन कदापि न कराया जाय। यदि निकट परिसर में सुरक्षित पंचायत भवन / अन्य राजकीय भवन उपलब्ध होता हो तो उक्त स्थल का समुचित निरीक्षण करते हुए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकती है।
4 – . संस्थाध्यक्ष एवं कक्षाध्यापकों द्वारा प्रत्येक अभिभावक का मोबाईल नम्बर अवश्य प्राप्त कर लिया जाये ताकि उनके पाल्यों के पठन-पाठन, अवकाश आदि के सम्बन्ध में आवश्यकतानुसार यथासमय जानकारी दी जा सके। अतः उपरोक्त बिन्दुओं की ओर आपका व्यक्तिगत ध्यान आकृष्ट करते हुए अनुरोध है कि सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रतिकूल स्थानीय मौसम से अनुसार विद्यालय संचालन की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
25 जुलाई तक जारी रहेगा भारी बारिश का दौर
उत्तराखंड में हो रही बारिश मुसीबत बनती जा रही है। मौसम विभाग ने सभी जिलों के लिए 25 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी किया है। संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन होने से बंद होने से मार्ग बंद होने की आशंका है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ विक्रम सिंह ने बताया कि 25 जुलाई तक गढ़वाल और कुमाऊं के कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। उत्तराखंड के पौड़ी के थलीसैंण और उत्तरकाशी के पुरोला में बादल फटने से भारी तबाही हुई है।
थलीसैंण-पीठसैन-बुंगीधर में एक पुल के एक हिस्से का पुश्ता क्षतिग्रस्त हो गया है। इससे चौथान पट्टी के 5 से अधिक गांव की आवाजाही ठप हो गई है, जबकि पट्टी के 80 गांव की आवाजाही प्रभावित हुई है। इस आपदा में एक ग्रामीण की गौशाला बह गई है जिसमें 10 बकरियां और दो बैल लापता है। रोली और बगवाड़ी गांव के ग्रामीणों के खेत बह गए हैं।
उधर उत्तरकाशी के पुरोला में अतिवृष्टि और बादल फटने के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन से प्रभावित लोगों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। बारिश के कारण कई क्षेत्रों में पेयजल की पाइप लाइनें नष्ट हो गई हैं। ग्रामीणों ने पानी और बिजली की आपूर्ति जल्द बहाल करने की मांग की है। मलबा और बोल्डर आने के के कारण पिथौरागढ़ टनकपुर हाईवे जगह-जगह बंद हो गया है। वहीं पिथौरागढ़-तवाघाट हाईवे बंद होने से भारत चीन सीमा के गांवों का भी जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है।
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