उत्तराखंड : सरकारी अस्पतालों में दवाई का फर्जी टेंडर दिलाने वाले मुख्यमंत्री के पूर्व पीएस पीसी उपाध्याय और उसके सहयोगी सौरव वत्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पीसी उपाध्याय को देहरादून से गिरफ्तार किया गया है, जबकि सौरव वत्स को राजस्थान की भीलवाड़ा पुलिस ने वहीं एक मुकदमें में गिरफ्तार किया है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री के पूर्व पीएस पीसी उपाध्याय समेत 6 लोगों पर देहरादून की नगर कोतवाली में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था. पुलिस ने बताया कि बीती 9 मार्च को रामकेवल प्रॉपराइटर जे आर फार्मास्युटिकल प्लॉट सिडकुल हरिद्वार ने मुख्यमंत्री के पूर्व पीएस प्रकाशचन्द्र उपाध्याय समेत सौरभ वत्स, नंदनी वत्स, महेश माहरिया, सोनक माहरिया और शाहरुख खान के खिलाफ तहरीर दी थी।
शिकायतकर्ता ने सभी लोगों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में दवाई सप्लाई का टेंडर दिलवाने के नाम पर फर्जी और कूटरचित फर्जी दस्तावेज तैयार कर पीड़ित से करीब 52 लाख रुपए की ठगी की।
तहरीर के आधार पर देहरादून नगर कोतवाली में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. मुकदमा दर्ज करने के बाद आज नगर कोतवाली पुलिस ने प्रकाश चंद उपाध्याय को गिरफ्तार किया, जिसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया. देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक पीड़ित की मुलाकात सौरभ शर्मा उर्फ सौरभ वत्स से हुई थी. सौरभ ने पीड़ित को कहा था कि वो उन्हें सरकारी हॉस्पिटलों में दवाई का टेंडर दिलावा देगा, इसके लिए वो पीड़ित को उत्तराखंड सचिवालय में पीसी उपाध्याय के पास लेकर गया।
आरोप है कि पीसी उपाध्याय और सौरभ वत्स ने फर्जी सूचना मैमो जारी कर अलग-अलग मदों में खर्च होने वाली कुल 51,74,440 रुपये की राशि के फर्जी बिल बनाकर राम केवल को दिये थे. इन बिलो पर सौरभ वत्स के हस्ताक्षर थे, जिसको देखकर रामकेवल को यकीन हो गया था कि टेंडर उसके नाम से जारी हो गया है. इसके एवज में आरोपियों ने रामकेवल से कुल 51,74,440 रुपये अलग-अलग तरीके से ठग लिये थे।
अभियुक्तों द्वारा पूछताछ में बताया कि उसके परिचित सौरभ शर्मा उर्फ सौरभ वत्स के माध्यम से उसकी मुलाकात राम केवल पुत्र श्री राम लखन प्रोप्रराइटर JR PHARMACEUTICALS प्लॉट नंबर 27 सेक्टर 7 सिडकुल हरिद्वार उत्तराखंड से हुई, जो दवाई सप्लाई का टेंडर दिलाने के बहाने उसे अभियुक्त के पास सचिवालय में लाया था।
अभियुक्त व सौरभ वत्स के द्वारा फर्जी सूचना मैमो जो सौरभ वत्स के हस्ताक्षर से जारी किये गये थे के आधार पर विभिन्न मदों में खर्च होने वाली कुल 51,74,440 रुपये की राशि का फर्जी बिल बनाकर राम केवल को दिये थे। जिसको देखकर रामकेवल को यकीन हो गया था कि टेंडर उसके नाम से जारी हो गया है, इसके एवज में अभियुक्तो द्वारा रामकेवल से कुल 51,74,440 रुपये विभिन्न तरीके से ठग लिये थे।
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