उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में गुलदार दहशत का सबब बने हुए हैं।बीते महीने गुलदार के सक्रिय होने के चलते पौड़ी में स्कूल कई दिनों तक बंद रहे, अब ऐसा ही कुछ उत्तरकाशी में हो रहा है। यहां शिक्षा विभाग उत्तरकाशी ने चिन्यालीसौड़ के संकुल तुल्याड़ा और संकुल खालसी के अंतर्गत आने वाले सभी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए स्वैच्छिक अवकाश घोषित किया है। वजह वही है, गुलदार का बढ़ता आतंक।
शिक्षा विभाग की ओर से विकासखंड के गुलदार से प्रभावित गांवों के छात्र-छात्राओं को अग्रिम आदेशों तक स्कूल नहीं आने के आदेश जारी किए हैं। विभाग का कहना है कि अगर कोई अभिभावक अपने बच्चे को स्कूल भेजता है तो वह अपनी जिम्मेदारी पर बच्चे को भेज सकता है।
शिक्षा विभाग ने अभिभावकों से कहा कि गुलदार के आतंक के चलते अपने बच्चों को फिलहाल स्कूल न भेजें। इस अपील के बावजूद जो छात्र स्कूल आना चाहेंगे, उनके अभिभावकों को बच्चों की सुरक्षा को लेकर लिखित अनुबंध देना होगा। दरअसल चिन्यालीसौड़ की दिचली पट्टी क्षेत्र में गुलदार का आतंक बना हुआ है।
बीते शनिवार को बड़ी मणी में एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को गुलदार ने मार दिया था। उसके बाद से चिन्यालीसौड़ के खालसी और तुल्याड़ा न्याय पंचायत के गावों में गुलदार की दहशत बनी हुई है। हालांकि बड़ी मणी में वन विभाग ने पिंजरा और ट्रैप कैमरे लगाए हैं लेकिन अभी तक गुलदार नहीं पकड़ा गया है। बीते बुधवार देर रात गुलदार ने एक पालतू कुत्ते को भी मार दिया था।
गुलदार के भय से बच्चों के स्कूल आने-जाने में भी खतरा बना हुआ है। खतरे को देखते हुए शिक्षा विभाग ने बृहस्पतिवार को एक आदेश जारी किया है। खंड शिक्षा अधिकारी जीएस नेगी ने कहा कि छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है। इसलिए जो भी स्कूल गुलदार की दहशत से अधिक प्रभावित हैं वहां छात्र-छात्राओं को अग्रिम आदेशों तक स्कूल आने से मना किया गया है।
गुलदार की दहशत से छोटी मणी, बड़ी मणी, कुमराड़ा, बल्डोगी, खालसी, गढ़वाल गाड़, भल्ड गांव और माड़ में सबसे अधिक है। वहीं रेंज अधिकारी धरासू नागेंद्र सिंह रावत का कहना है कि वन विभाग की टीम लगातार गश्त कर रही है। वहीं ट्रैंकुलाइज टीम के लिए डीएफओ को पत्र लिखा गया है।
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