उत्तराखंड – उधम सिंह नगर : बीते दिनों नदी में मिले मानव अंगों के हत्या की गुत्थी को आखिरकार पुलिस ने लंबी इंवेष्टिगेशन और गठित टीमों की दिन रात की मेहनत के बाद सनसनीखेज डबल मर्डर कांड का खुलासा कर दिया है ।
विगत 06 जून को थाना केलाखेड़ा में परमजीत कौर पुत्री सतनाम सिंह निवासी ग्राम रम्पुराकाजी के द्वारा एक तहरीरी दी गई कि उनकी बुआ जोगेन्द्रो बाई जो खेतों के बीच एकांत में बने अपने घर पर अकेली रहती थी 05 जून की रात्रि में उनकी दादी बुआ जोगेंद्रो बाई जो अपने घर के आँगन में चारपाई पर सोई हुई थी अगले दिन घर में नहीं मिली चारपाई पर बिस्तर लगा हुआ सूचना के आधार पर जोगेन्द्रो बाई की गुमशुदगी दर्ज की गई।
ढूंढने के दौरान नदी के अंदर से कुछ कपड़े व तीन मानव अंग दो टांग और एक कटा हुआ पंजा बरामद हुआ। बरामदा मानव अंगों में से दो कटी हुई टांगों व कपड़ों के आधार पर शव की शिनाख्त जोगेन्द्रो बाई के रूप में हुई। इसी बीच जानकारी प्राप्त हुई की एक व्यक्ति गुरमीत सिंह पुत्र दलीप सिंह निवासी ग्राम टुकड़ी बिचवा थाना नानकमत्ता जिला उधम सिंह नगर जो पिछले काफी समय से ही ग्राम रमंपुराकाजी में अपनी बेटी के ससुराल में रहा था वह भी उसी समय से गुमशुदा है।
जिसके पुत्र सोनू सिंह के द्वारा बौर नदी बरामद मानव अंगों में से कटे हुए पैर के पंजे को देखकर उसे अपने पिता गुरमीत सिंह के होने का शक जाहिर किया। इस प्रकार दुसरे मानव अंग की शिनाख्त गुरमीत सिंह के रूप में हुई बरामदा तीनों मानव अंगों का पंचायतनामा व पोस्टमार्टम करवाया गया एवं स्टेण्डर्ड डी.एन.ए. सैंपल लिए गए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वार पुलिस अधीक्षक अपराध और पुलिस अधीक्षक काशीपुर के पर्यवेक्षण एवं क्षेत्राधिकारी बाजपुर के मार्गदर्शन में अलग- अलग कार्यों हेतु पुलिस टीमों का गठन किया गया। शेष मानव अंगों की बरामदगी हेतु जल पुलिस, एसडीआरएफ, फॉरेंसिक टीम, डॉग स्क्वाड व एसओजी के साथ मिलकर संयुक्त रूप से बोर नदी एवं आस पास के सरहदी थाना क्षेत्रों में भी सर्च अभियान चलाया गया।
सीसीटीवी कैमरे चैक किये गये एवं गाँव व आस-पास के लगभग 100-150 व्यक्तियों से पूछताछ की गई। गुमशुदा गुरमीत सिंह गुरदेव सिंह का ससुर था। गुरदेव सिंह व धर्मेन्द्र सिंह घटना के बाद से ही गांव में दिखाई नहीं दिए तो उनकी संदिग्धता और अधिक प्रतीत हुई। उक्त संदिग्धों गुरदेव एवं धर्मेन्द्र के मोबाइल नंबरों की सीडीआर प्राप्त कर विशलेषण किया गया एवं बोर नदी के आस-पास का डम्प डाटा लिया गया।
सीडीआर के विश्लेषण एंव पूछताछ के आधार पर गुरदेव सिंह एवं धर्मेन्द्र सिंह के द्वारा अपने जुर्म का इकबाल किया गया जिन्होंने बताया की मर्तिका जोगेंद्रो कौर अपने लालच के चलते अपनी ही बिरादरी के लोगों की जमीन गिरवी रख कर उस जमीन को गैर व्यक्ति को दे देती थी जिससे की हमारी बिरादरी की बदनामी हो रही थी इसी बात से क्रोधित हो कर हम दोनों ने योजना बना ली की जोगेंद्रो की हत्या करेंगे
इसी बीच दूसरा मृतक गुरमीत सिंह जो की हमारी योजना की जानकरी रखता था। गुरमीत का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी और उसकी लाश को उठाकर नदी के किनारे झाड़ियों में रख दिया फिर दोनों ने जोगेंद्रो कौर को विश्वाश में ले कर घर के पीछे बुला लिया जिस पर वह चुपचाप साथ चल दी और खरले पर पहुँचते हम दोनों ने जोगेंद्रो कौर का भी परने से गला घोंट कर उसको वहीं पर मार दिया फिर उसकी लाश को उठाकर नदी में उसी स्थान पर ले गये जहाँ पर गुरमीत की लाश पड़ी थी। दोनों लाशों को पानी में डाला फिर दोनों लाशों को खींचकर दोनों ने उन दोनों लाशों के हाथ पैर सिर धड़ काट- काट कर अलग किया और उन टुकड़ों को नदी की बीच धारा में बहा दिया।
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